उदित वाणी, नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस समारोह के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय की संयुक्त पहल ‘वीर गाथा 4.0’ के चौथे संस्करण को देशभर में अपार प्रतिक्रिया मिली है. इस वर्ष लगभग 2.31 लाख स्कूलों के 1.76 करोड़ छात्रों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया. यह एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य छात्रों में देशभक्ति और वीरता के प्रति जागरूकता फैलाना है.
विजेताओं का चयन और श्रेणियाँ
इस प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर 100 विजेताओं का चयन किया गया है. विजेताओं को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक श्रेणी से 25 विजेता चुने गए हैं:
- प्रारंभिक चरण (ग्रेड 3-5)
- मध्य चरण (ग्रेड 6-8)
- माध्यमिक चरण (ग्रेड 9-10)
- उच्च माध्यमिक चरण (ग्रेड 11-12)
प्रेरक विषय और गतिविधियाँ
5 सितंबर, 2024 को शुरू की गई ‘वीर गाथा 4.0’ परियोजना में निबंध और पैराग्राफ लेखन के लिए प्रेरक विषय प्रदान किए गए. छात्रों को उनके पसंदीदा रोल मॉडल, विशेषकर वीरता पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं के बारे में लिखने का अवसर मिला. इसके साथ ही, उन्हें रानी लक्ष्मीबाई जैसे स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए भी प्रेरित किया गया.
गुणवत्ता और सांस्कृतिक समझ
विविध विषयों ने न केवल प्रविष्टियों की गुणवत्ता को बढ़ाया, बल्कि प्रतिभागियों की भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की समझ को भी व्यापक बनाया. इस परियोजना में स्कूलों द्वारा स्थानीय स्तर पर गतिविधियाँ आयोजित की गईं और वीरता पुरस्कार विजेताओं द्वारा संवाद कार्यक्रम चलाए गए.
पुरस्कार और सम्मान
स्कूल स्तर की गतिविधियाँ 31 अक्टूबर, 2024 को समाप्त हो गईं. राज्य और जिला स्तर पर मूल्यांकन के बाद लगभग 4,029 प्रविष्टियाँ राष्ट्रीय स्तर के मूल्यांकन के लिए भेजी गईं. शीर्ष 100 प्रविष्टियाँ ‘सुपर-100 विजेताओं’ के रूप में चुनी गईं. इन विजेताओं को नई दिल्ली में रक्षा और शिक्षा मंत्रालय द्वारा सम्मानित किया जाएगा. प्रत्येक विजेता को 10,000 रुपये का नकद पुरस्कार और गणतंत्र दिवस परेड 2025 देखने का विशेष निमंत्रण मिलेगा.
विस्तार और विकास
प्रोजेक्ट वीर गाथा 2021 में भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य वीरता पुरस्कार विजेताओं के साहसी कार्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. वीर गाथा की यात्रा प्रेरणादायक रही है, जिसने प्रतियोगिता की पहुंच का विस्तार किया है. पहले दो संस्करणों में राष्ट्रीय स्तर पर 25 विजेताओं का चयन किया गया था. तीसरे संस्करण ने पहली बार 100 राष्ट्रीय विजेताओं का चयन किया और 1.36 करोड़ छात्रों की भागीदारी देखी गई.
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