उदित वाणी, जमशेदपुर: मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन 16 दिसंबर को 73 वर्ष की आयु में हो गया. वे पिछले दो हफ्तों से सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में भर्ती थे और फेफड़ों से संबंधित गंभीर बीमारी इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से जूझ रहे थे. उनकी हालत लगातार बिगड़ रही थी और वे आईसीयू में थे.
परिवार की ओर से गलत खबरों का खंडन
जब 15 दिसंबर की देर रात जाकिर हुसैन के निधन की खबरें फैलने लगीं, तो उनके परिवार ने इन खबरों को गलत बताया था. परिवार ने कहा था कि उनकी हालत नाजुक है, लेकिन वे जीवित हैं. उनकी बहन खुर्शीद ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा था, “उनकी सांसें चल रही हैं, लेकिन स्थिति गंभीर है. उनके स्वस्थ होने के लिए दुआ करें.” इसके बावजूद, 16 दिसंबर की सुबह जाकिर हुसैन ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
जन्म, परिवार और करियर की शुरुआत
जाकिर हुसैन का जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था. उनके पिता उस्ताद अल्लारक्खा कुरैशी भी एक प्रसिद्ध तबला वादक थे, और उनकी मां का नाम बावी बेगम था. महज 11 साल की उम्र में जाकिर ने अमेरिका में अपना पहला कॉन्सर्ट दिया था, जो उनके संगीत करियर की शुरुआत थी. इसके बाद, 1973 में उन्होंने अपना पहला एल्बम लॉन्च किया और संगीत की दुनिया में अपना नाम रोशन किया.
सम्मान और पुरस्कार
भारत सरकार ने जाकिर हुसैन को उनके योगदान के लिए 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा. इसके अलावा, उन्होंने 2023 में तीन ग्रैमी अवार्ड्स भी जीते थे, जो उनके संगीत के प्रति उनकी मेहनत और समर्पण का प्रतीक हैं.
व्यक्तिगत जीवन और परिवार
जाकिर हुसैन ने कथक डांसर और टीचर, अपनी मैनेजर एंटोनिया मिनेकोल से विवाह किया था. दोनों की दो बेटियां हैं. एक बेटी अनीसा कुरैशी फिल्म मेकिंग की पढ़ाई कर रही हैं, जबकि दूसरी बेटी इसाबेला विदेश में डांस की शिक्षा ले रही हैं.
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