उदित वाणी, जमशेदपुर: जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल के निर्देशानुसार समाहरणालय सभागार में पीसीपीएनडीटी (PCPNDT) अधिनियम से संबंधित एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अपर समाहर्ता (कानून व्यवस्था) श्री अनिकेत सचान ने की। इसमें एसडीएम धालभूम श्रीमती शताब्दी मजूमदार, सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, डॉ. रंजीत पांडा सहित दोनों अनुमंडलों के संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में जिले के विभिन्न अल्ट्रासाउंड सेंटर से संबंधित कुल 20 प्रस्तावों पर चर्चा की गई। समिति ने 3 नए अल्ट्रासाउंड सेंटर को लाइसेंस जारी करने, 1 सेंटर के लाइसेंस नवीनीकरण तथा 4 सेंटर के नाम में बदलाव की स्वीकृति प्रदान की। शेष प्रस्तावों में पाई गई त्रुटियों को दूर कर अगली बैठक में पुनः प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
एडीएम लॉ एंड ऑर्डर श्री सचान ने जिले में अनधिकृत रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड सेंटरों की जांच कराने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यदि किसी प्रकार की अवैध गतिविधि की जानकारी मिले, तो तत्काल कार्रवाई करते हुए ऐसे क्लीनिक को बंद कराएं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिले में लिंगानुपात सुधारने के प्रयास जारी हैं। गर्भधारण व प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण निषेध अधिनियम 1994 (PCPNDT एक्ट) का उद्देश्य प्रसव पूर्व लिंग चयन को रोकना और लिंग आधारित गर्भपात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना है। उन्होंने दोनों अनुमंडल पदाधिकारियों को इस अधिनियम के सख्त अनुपालन का निर्देश दिया।
सभी अल्ट्रासाउंड सेंटरों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया कि उनके परिसर में “लिंग निर्धारण कानूनन अपराध है” संबंधी चेतावनी बोर्ड अनिवार्य रूप से प्रदर्शित हों। साथ ही, किसी भी प्रकार की ऐसी गतिविधि, जिससे प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण की आशंका हो, पूरी तरह रोकी जाए। उल्लंघन की स्थिति में संबंधित सेंटर के विरुद्ध विधिसम्मत कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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