उदित वाणी, नई दिल्ली: आजकल अधिकतर लोग अब पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं, क्योंकि किसे पता कब विदेश जाने का मौका मिल जाए. विशेष रूप से नौकरी पेशा व्यक्तियों के लिए पासपोर्ट की जरूरत भी बढ़ चुकी है. कंपनियां जॉइनिंग के दौरान यह सवाल पूछती हैं कि क्या आपके पास पासपोर्ट है. अगर नहीं होता, तो वे आपको पासपोर्ट बनाने की सलाह देती हैं. इस तरह से आज के समय में पासपोर्ट किसी भी व्यक्ति की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है.
केंद्र सरकार का नया नियम
केंद्र सरकार ने पासपोर्ट नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है. अब 1 अक्टूबर, 2023 के बाद जन्मे पासपोर्ट आवेदकों के लिए केवल जन्म प्रमाण पत्र ही जन्मतिथि का प्रमाण माना जाएगा. इसका मतलब यह है कि अब किसी अन्य दस्तावेज़ को जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा.
बदलाव से जुड़ी अहम जानकारी
केंद्र सरकार ने इस हफ्ते 1980 के पासपोर्ट नियमों में संशोधन के बारे में एक आधिकारिक नोटिस जारी किया. इसमें कहा गया है कि नए नियमों के अनुसार, 1 अक्टूबर 2023 या बाद में जन्मे व्यक्तियों के लिए केवल जन्म प्रमाण पत्र ही मान्य दस्तावेज़ होगा. यह जन्म प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार ऑफ बर्थ एंड डेथ, नगर निगम, या जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत अधिकृत किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया होना चाहिए.
पुराने नियमों के तहत वैकल्पिक दस्तावेज़
अगर किसी व्यक्ति का जन्म 1 अक्टूबर 2023 से पहले हुआ है, तो वे पासपोर्ट बनाने के लिए वैकल्पिक दस्तावेज़ जैसे ड्राइविंग लाइसेंस या स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट को जन्मतिथि के प्रमाण के तौर पर प्रस्तुत कर सकते हैं. इसलिए यदि आप भी पासपोर्ट बनवाने की योजना बना रहे हैं, तो इस बदलाव के बारे में पूरी जानकारी रखिए और अपने दोस्तों व परिचितों से भी इसे साझा कीजिए.
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