उदित वाणी,आदित्यपुर: प्रोग्रेस हार्मोनी एंड डेवलपमेंट चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI), नई दिल्ली द्वारा आगामी 26 मार्च को एसिया भवन, आदित्यपुर में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. यह कार्यशाला अपराह्न 2.30 बजे से शुरू होगी और इसका उद्देश्य बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) के महत्व और इसके पंजीकरण प्रक्रिया पर जानकारी प्रदान करना है. इस कार्यक्रम का आयोजन एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से किया जा रहा है.
कार्यशाला का उद्देश्य और महत्व
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य झारखंड राज्य के MSME, स्टार्ट-अप्स और अन्य हितधारकों को बौद्धिक संपदा अधिकारों के पंजीकरण के प्रति प्रोत्साहित करना है. इसके माध्यम से नवाचारों और रचनात्मक विचारों की रक्षा करना और व्यापार में हिस्सेदारी बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की जाएगी. इस कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागियों को आईपीआर के बारे में गहरी जानकारी देने की पहल की जाएगी ताकि वे अपने उत्पादों और विचारों को सही तरीके से सुरक्षा प्रदान कर सकें.
आईपीआर पंजीकरण और व्यवसायीकरण पर विशेष ध्यान
कार्यशाला में बौद्धिक संपदा अधिकारों के पंजीकरण की प्रक्रिया और इसके व्यवसायीकरण के विषय में भी गहन चर्चा की जाएगी. MSME मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा इसे प्रमोट करने के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाएगी. विशेष रूप से, आईपी के व्यवसायीकरण के लिए MSME समर्थन (SCIP) कार्यक्रम पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिससे MSME अपने बौद्धिक संपदा और परिसंपत्तियों का प्रभावी उपयोग कर सकें.
प्रतिभागियों के लिए एक अनूठा अवसर
इस कार्यशाला में MSME, भावी उद्यमियों, इनोवेटर्स, स्टार्ट-अप्स, प्रवर्तन एजेंसियों, आईपी पेशेवरों, कानूनी बिरादरी के अधिकारियों और छात्रों को अपने आईपी संबंधित सवालों का समाधान प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. कार्यशाला में बौद्धिक संपदा के क्षेत्र के प्रतिष्ठित पेशेवर और शिक्षाविद्स अपने विचार साझा करेंगे और प्रतिभागियों को हेल्पडेस्क के माध्यम से सहायता प्रदान करेंगे.
झारखंड चैप्टर के रेजिडेंट ऑफिसर ने दी जानकारी
झारखंड चैप्टर के रेजिडेंट ऑफिसर राहुल कुमार लाल ने बताया कि पीएचडीसीसीआई संस्था की स्थापना वर्ष 1905 में की गई थी. पहले इसे पंजाब, हरियाणा और दिल्ली चैम्बर ऑफ कॉमर्स के नाम से जाना जाता था. आजादी के बाद संस्था का नाम बदलकर पीएचडीसीसीआई किया गया. वर्तमान में इस संगठन के लगभग 2.75 हजार कॉरपोरेट सदस्य हैं.
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