उदित वाणी, पश्चिमी सिंहभूम: पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित सभागार में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला की अध्यक्षता जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने की, जबकि अपर उपायुक्त प्रवीण केरकेट्टा, सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो माझी, सदर चाईबासा अनुमंडल पदाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती, कार्यपालक अभियंता पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के प्रतिनिधि और यूनिसेफ के सहयोगी संस्थाओं के सदस्य उपस्थित थे. इस कार्यशाला का उद्देश्य स्वच्छ आंगनबाड़ी कार्यक्रम के विभिन्न घटकों और मानकों के बारे में जानकारी देना था.
कार्यशाला की शुरुआत और मुख्य उद्देश्य
कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई, जिसमें सभी अतिथियों का स्वागत किया गया. इस अवसर पर स्वच्छ आंगनबाड़ी पुरस्कार से संबंधित घटकों और आंगनबाड़ी स्तर पर कार्यक्रम की सफलता के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई. यह कार्यशाला स्वच्छता और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों में सुधार के लिए किए गए प्रयासों को प्रदर्शित करने का एक मंच बन गया.
उपायुक्त का संबोधन और कार्यक्रम का महत्व
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने कहा कि स्वच्छ आंगनबाड़ी कार्यक्रम के माध्यम से गांवों में स्वच्छता और स्वास्थ्य से जुड़े जरूरी संदेशों को प्रभावी रूप से फैलाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं तक कुपोषण और स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सकती है. उपायुक्त ने यह भी कहा कि वास कार्यक्रम के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों में सुधार और बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकती हैं.
स्वच्छ आंगनबाड़ी पुरस्कार और वास कार्यक्रम
कार्यशाला में यूनिसेफ के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार साझा किए. डॉ. लक्ष्मी रंजन सक्सेना, वास अधिकारी-यूनिसेफ ने वास कार्यक्रम के घटकों और स्वच्छ आंगनबाड़ी पुरस्कार के पहलुओं पर चर्चा की. पोषण अधिकारी डॉ. दिगंबर शर्मा ने आंगनबाड़ी केंद्रों के स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्र में योगदान पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि वास कार्यक्रम आंगनबाड़ी केंद्रों में सुधार लाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है, और इसका प्रभाव बच्चों और माताओं की सेहत पर स्पष्ट रूप से देखा जाएगा.
अगले चरण की योजना और आकलन
कार्यशाला में यह भी बताया गया कि दूसरे चरण के तहत प्रखंड स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी. मई तक वाश का आकलन पूरा कर आंगनबाड़ी केंद्रों की स्टार रेटिंग की जाएगी. इस प्रक्रिया के माध्यम से पूरे जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा और सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे.
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