उदित वाणी, गुमला: झारखंड के गुमला जिले की तीन बेटियों ने अपनी मेहनत और लगन से ऊंची उड़ान भरी है. गुमला के छोटे गांवों से निकलकर एलिजाबेथ लकड़ा, अनीता डुंगडुंग और सूरजमुनी कुमारी अब अंडर-17 इंडिया बालिका फुटबॉल टीम में शामिल हो गई हैं. ये तीनों खिलाड़ी गुमला स्थित आवासीय बालिका फुटबॉल प्रशिक्षण केंद्र से जुड़ी हैं और संत पात्रिक हाई स्कूल गुमला में पढ़ाई करती हैं.
राष्ट्रीय चयन प्रक्रिया में झारखंड का दमखम
बेंगलुरु में आयोजित ट्रायल में देशभर के 60 खिलाड़ियों में से 30 का चयन किया गया. झारखंड से 8 खिलाड़ियों ने ट्रायल में हिस्सा लिया, जिनमें से 5 का चयन अंडर-17 इंडिया टीम में हुआ. गुमला की 3 बेटियां, रांची और हजारीबाग से एक-एक खिलाड़ी ने टीम में जगह बनाई. कोच वीणा लकड़ा ने बताया कि इन खिलाड़ियों को अब बेंगलुरु के प्रशिक्षण केंद्र में ही रोक लिया गया है.
मेहनत से बदली किस्मत
अनीता डुंगडुंग बसिया प्रखंड के ससिया गांव की रहने वाली हैं. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाली अनीता का घर खपड़ैल का है. बसिया प्रखंड के ममरला गांव की रहने वाली एलिजाबेथ लकड़ा का परिवार खेती पर निर्भर है. छह भाई-बहनों वाले इस परिवार के लिए सरकारी योजनाओं का सहारा है. सूरजमुनी कुमारी बिशुनपुर प्रखंड के गोबरसेला गांव की निवासी हैं, जो घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है. परिवार ने उन्हें नक्सलियों की पकड़ से बचाने के लिए गुमला फुटबॉल सेंटर भेजा. सूरजमुनी ने अपने माता-पिता की उम्मीदों को पूरा किया और अंडर-17 टीम में जगह बनाकर पूरे परिवार को गर्व महसूस कराया.
गुमला की बेटियां बनीं प्रेरणा
गुमला की ये तीनों बेटियां न केवल जिले बल्कि पूरे राज्य के लिए प्रेरणा हैं. उनके संघर्ष और सफलता की यह कहानी यह संदेश देती है कि मेहनत और लगन से हर कठिनाई पर जीत हासिल की जा सकती है.
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