उदितवाणी, कांड्रा : झारखंड सरकार के कला-संस्कृति, खेलकूद व युवा कार्य विभाग, पर्यटन विभाग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में सरायकेला स्थित बिरसा मुंडा स्टेडियम में तीन दिवसीय चैत्र पर्व सह छऊ महोत्सव की रंगारंग शुरुआत की गई.
उद्घाटन समारोह की झलकियां
कार्यक्रम की शुरुआत राजकीय छऊ कला केंद्र के कलाकारों द्वारा सरस्वती वंदना के साथ हुई. इसके बाद सरायकेला शैली का छऊ नृत्य प्रस्तुत किया गया, जिसने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया.
अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर महोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया. इस अवसर पर खूंटी सांसद काली चरण मुंडा, सिंहभूम सांसद जोबा माझी, परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ, खरसावां विधायक दशरथ गागरई, ईचागढ़ विधायक सबिता महतो, जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा एवं जिप उपाध्यक्ष मधुश्री महतो मंच पर मौजूद रहे.
छऊ को वैश्विक मंच तक पहुंचाने का संकल्प
परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने अपने संबोधन में कहा कि सरायकेला की छऊ नृत्य कला सिर्फ क्षेत्रीय नहीं बल्कि वैश्विक पहचान बना चुकी है. यूनेस्को द्वारा इसे विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर में शामिल किया जाना हमारे लिए गर्व की बात है. उन्होंने कहा कि हालांकि इस धरोहर को संरक्षित करने के लिए जितना प्रयास होना चाहिए, वह अब भी अपर्याप्त है. सरकार इस दिशा में संकल्पित है और छऊ को आगे बढ़ाने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है.
राजा और प्रजा का साझा मंच: अनोखी विरासत
खूंटी सांसद काली चरण मुंडा ने कहा कि सरायकेला, छऊ की जन्मभूमि रही है. ऐतिहासिक काल में यह एक रियासत थी जहां राजा और प्रजा साथ में एक ही मंच पर छऊ नृत्य करते थे. उन्होंने कहा कि यह कला किसी साधारण अखाड़े से निकलकर आज अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी अमिट छाप छोड़ चुकी है. छऊ के भविष्य के लिए आवश्यक है कि ग्रामीण कलाकारों को भी उचित मंच और अवसर प्रदान किए जाएं.
प्रशासन और कलाकारों की भागीदारी
कार्यक्रम में जिला उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक मुकेश लुनायत, सरायकेला अनुमंडल प्रभारी निवेदिता नियति, कार्यपालक दंडाधिकारी सत्येंद्र कुमार महतो, आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भोला महंती सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय कलाकारों की उपस्थिति रही.
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