
उदित वाणी, रांची: इंटरनेट और सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में संथाली भाषा ने एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है. संथाली भाषा और ओलचिकी लिपि को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने की दिशा में कार्यरत संस्था एसेका (ASECA) ने एक समर्पित वेबसाइट लॉन्च की है, जो इस भाषा की शिक्षा, साहित्य और संस्कृति के प्रचार-प्रसार का प्रमुख माध्यम बनेगी.
पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने किया वेबसाइट का शुभारंभ
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने इस वेबसाइट www.aseca.org.in का विधिवत उद्घाटन किया. यह शुभारंभ एसेका के 62वें स्थापना दिवस के अवसर पर हुआ. चम्पाई सोरेन ने इस पहल को एक क्रांतिकारी कदम बताते हुए कहा कि “नई तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना समय की मांग है. यह प्रयास हमें अगली पीढ़ी से सीधे जोड़ता है.”
उन्होंने ओलचिकी लिपि को वैज्ञानिक बताते हुए कहा कि इससे संथाली भाषा को सीखना और सिखाना सरल हुआ है. साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल में स्थानीय आदिवासी भाषाओं में प्राथमिक शिक्षा को कैबिनेट से मंजूरी दी गई थी.
क्या मिलेगा वेबसाइट पर?
इस वेबसाइट पर संथाली भाषा और ओलचिकी लिपि में प्रकाशित साहित्य, पुस्तकें, पाठ्य सामग्री और मानक शिक्षण संसाधन उपलब्ध रहेंगे. इसका उद्देश्य स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को एकीकृत करना और उन्हें प्रमाणित सामग्री से जोड़ना है.
वीर सिदो-कान्हू के वंशज ने बताया ऐतिहासिक कदम
कार्यक्रम में उपस्थित मंडल मुर्मू, जो वीर सिदो-कान्हू के वंशज हैं, ने इसे एक ऐतिहासिक पहल बताया. उन्होंने कहा कि “संथाली भाषा को वैश्विक मंच पर पहुँचाने के लिए एसेका का यह कदम मील का पत्थर साबित होगा.”
एसेका की योजना और दृष्टिकोण
एसेका के प्रतिनिधि जीतराय मुर्मू ने संस्था की वर्तमान गतिविधियों और भावी योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि भारत, नेपाल और बांग्लादेश के कई क्षेत्रों में एसेका संथाली भाषा में मानक शिक्षा प्रदान कर रहा है. वेबसाइट के माध्यम से नए संस्थानों को जोड़ना और उन्हें उच्च गुणवत्ता की सामग्री उपलब्ध कराना अब और सहज होगा.
क्या है एसेका?
ASECA (Adiwasi Socio-Education and Culture Association) की स्थापना ओलचिकी लिपि के आविष्कारक पंडित रघुनाथ मुर्मू द्वारा की गई थी. संस्था का उद्देश्य आदिवासी समाज के सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक विकास को सशक्त करना है. यह संगठन आदिवासी परंपराओं, भाषाओं और शिक्षा के संवर्धन में निरंतर सक्रिय है.
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