उदित वाणी, रांची: राज्य सरकार के वित्तमंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि जंगल में रहनेवाले लोगों को वनपट्टा तो मिल जाता है. परंतु कनेक्टिविटी की कमी के कारण उस क्षेत्र के लोगों को पर्याप्त सुविधा नहीं मिल पाती है. वहीं किशोर ने कहा कि उन्हें ग्राम सभा के माध्यम से बेसिक नीड्स उपलब्ध कराने पर जोर दें. इसके साथ ही महुआ आधारित शराब बनाने पर भी जोर दें, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके. वित्तमंत्री गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन स्थित झारखंड मंत्रालय में आयोजित अबुआ बजट कार्यशाला [बजट पूर्व संगोष्ठी 2025-26] को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि हमारा बजट राज्य की संस्कृति, भौगोलिक स्थिति, यहां रहने वाले लोगों की परंपराओं को ध्यान में रख कर राज्य का 25वां अबुआ बजट तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि झारखंड में बर्षा जल के संचयन पर हमें ध्यान देने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि दो दिवसीय संगोष्ठी के पहले दिन कृषि, सिंचाई, वन पर्यावरण, ग्रामीण विकास, आजीविका मिशन, नगर विकास, पर्यटन, उद्योग, ख़ान एवं भूतत्व, श्रम एवं कौशल विकास के क्षेत्र में एक्सपर्ट लोगों के सुझाव एवं विचार आमंत्रित किए गए. ग्रामीण विकास मंत्री श्रीमती दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि आगामी बजट में झारखंड की महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया जायेगा.
जेएसएलपीएस से करीब 32 लाख महिलायें जुड़ी हुई है. महिलाओं को मइयां सम्मान योजना के माध्यम से दी जा रही आर्थिक सहायता को कैसे स्वरोजगार की दिशा में समाहित किया जा सके, इस पर विभाग का फोकस है. ग्रामीण इलाकों में सोलर एनर्जी को भी बढ़ावा दिया जाएगा. किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने पर दिया जोर जायेगा. कृषि मंत्री श्रीमती नेहा शिल्पी तिर्की ने कहा कि हमारे राज्य के किसानों को ध्यान में रख कर आगामी बजट में उन्हें शामिल किया जायेगा. जल संसाधन विभाग सह वित्त विभाग के प्रधान सचिव प्रशांत कुमार ने बताया कि सिंचाई के क्षेत्र में झारखंड के किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए कई सुझाव प्राप्त किए गए.
एक्सपर्ट के सुझाव
प्रेम शंकर ने कहा कि बिरसा हरित ग्राम योजना पर जोर दिया जाय. नेचुरल फार्मिंग करने की जरूरत है. झारखंड मिलेट्स को बजट में शामिल किया जाय. लाह की खेती पर जोर दिया जाय. जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके. आने वाले 25 बर्षों के बाद 2050 में झारखंड कैसा होगा. इस पर एक विज़न डाक्यूमेंट्री बनाने की जरूरत है.प्रोफेसर देवनाथन ने कहा कि ग्राम सभा को बजट में ध्यान रखा जाय. एक जिला एक प्रोडक्ट को बढ़ावा दिया जाय और उसकी ब्रांडिंग की जाय. ताकि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो. धीरज दानियाल होरो ने रूरल इकॉनमी पर जोर देते हुए प्रोडक्ट की वैल्यू एडिशन और फ़ूड प्रोसेसिंग की जरूरत बताई. शैलेंद्र कुमार ने कहा कि राज्य के ग्रामीण युवाओं के लिए स्किल प्रोग्राम को इस बजट में शामिल किया जाय.
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