उदित वाणी, रांची: आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के दूसरे पति अभिषेक झा के पल्स अस्पताल के भविष्य पर काले बादल मंडरा रहे हैं. मनरेगा घोटाले में मनी लांड्रिंग की जांच कर रही ईडी की जांच के दायरे में पल्स अस्पताल भी आ गया है. माना जा रहा है कि अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति का निवेश अस्पताल के निर्माण में किया गया है. ऐसे में ईडी की टीम ने पल्स अस्पताल के एमडी अभिषेक झा से इन तमाम पहलुओं पर पूछताछ की है. सूत्रों का कहना है कि अस्पताल के निर्माण और मरीजों के इलाज के लिए मंगवाई गई मशीनों की खरीद में काफी अधिक खर्च होने की बात सामने आई है, जबकि प्रबंधक ने इस पर काफी कम खर्च दिखाया है. जिसके बाद ईडी ने अभिषेक झा से सारे कागजातों की मांग की है, जिससे अस्पताल पर हुए खर्च का विवरण मिल सके. जानकारी के मुताबिक, ईडी के अधिकारियों ने इस मामले में अस्पताल की बिल्डिंग निर्माण करने वाली कंपनी से भी जानकारी जुटाई है. ईडी के अधिकारियों ने पल्स अस्पताल के निर्माण और चिकित्सा उपकरणों की खरीद में हुए खर्च का आकलन साल 2020 के हिसाब से किया है। अस्पताल के निर्माण और उपकरणों की खरीद में न्यूनतम खर्च का आकलन 110 करोड़ के आसपास है. वहीं, इस अस्पताल के निर्माण के लिए लोन केवल 23 करोड़ रुपये का है. ऐसे में ईडी पड़ताल में जुटी है कि 87 करोड़ की शेष राशि कहां से आयी, किन-किन लोगों ने इसमें पैसे लगाए. इस सवाल को लेकर पूजा के पति और सीए से पूछताछ के बाद ईडी अब पूजा सिंघल से मंगलवार को पूछताछ करेगी. इसके लिए उन्हें नोटिस भेजा गया है. ईडी की टीम इस बात की भी पड़ताल कर रही है कि पल्स अस्पताल के लिए जमीन की खरीद पर कितनी राशि खर्च की गई.
गौरतलब है कि पल्स अस्पताल की जमीन की खरीद शुरू से ही विवादित रही है. साल 2020 में बरियातू में भुईंहरी जमीन पर अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, तो वहीं ईडी के अधिकारियों के मुताबिक अब तक की जांच में जो तथ्य और दस्तावेज सामने आए हैं, उससे ज्ञात होता है कि अस्पताल के निर्माण में वास्तविक खर्च को छिपाया गया है.
बता दें पल्स हॉस्पिटल में गत शुक्रवार और शनिवार को दो दिन तक ईडी की रेड चली. इस दौरान कई अहम दस्तावेज ईडी अधिकारियों के हाथ लगे. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक कुछ लैपटॉप भी बरामद हुए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इन लैपटॉप से भी कई अहम जानकारियां ईडी के हाथ लग सकती हैं.
अस्पताल की विवादित जमीन और निर्माण को लेकर जिस तरह की बात सामने आ रही है, उसे देखते हुए पल्स अस्पताल के भविष्य को लेकर संशय बना हुआ है. ऐसे में सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या पल्स अस्पताल में ताला लटकेगा या फिर ईडी की निगरानी में कुछ दिन तक ये अस्पताल चलता रहेगा.
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