उदित वाणी, जमशेदपुर: आदवासी बहुल इलाकों में बाहा पर्व की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. संताल आदिवासी बाहा पर्व को हर साल बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. इस बार अधिकतर स्थानों में 26 को बाहा बोंगा का आयोजन किया जा रहा है.
सरजामदा, सिदगोड़ा, खुकड़ाडीह समेत करनडीह में भी आतु बाहा 26 फरवरी (रविवार) को आयोजित किया जा रहा है. वहीं करनडीह में व्यापक स्तर पर होने वाला दिशोम बाहा पांच मार्च को आयोजित किया जाएगा. इसके लिए अभी से तैयारी की जा रही है. बहरहाल, 23 जनवरी से बाहा पर्व के आयोजन की शुरुआत हो जाएगी.
इस खास पर्व पर संताल समाज के लोग साल के फूलों से अपने ईष्टदेव की पूजा अर्चना करते हैं. बाहा पर्व पर ही संताल बहुल गांवों में पानी की होली खेली जाती है.
बाहा पर्व सृष्टि का धन्यवाद करने के लिए मनाया जाता है. सरजामदा ग्राम के माझी बाबा (ग्राम प्रधान) भुगलू सोरेन बताते हैं कि इस बार 21 फरवरी को मुलुह मिद माहा यानी पर्व के प्रथम दिन की शुरुआत हो जाएगी. इसी दिन पूजा के लिए हंड़िया तैयार किया जाएगा. 22 फरवरी को मुलुह दोसार दिन होगा. इस दिन को उम नाड़का व जाहेर सड़िम दालोब (जाहेरथान की साफ-सफाई) की जाएगी.
23 फरवरी को बाहा बोंगा यानी बाहा पर्व पर जाहेरथान में पूजा का कार्यक्रम होगा. इस दिन गांव के लोग अपने-अपने जाहेरथान में जुटेंगे और बाहा पर्व की पारंपरिक विधि-विधान से पूजा करेंगे.
पूजा के बाद जाहेरथान में प्रसाद स्वरूप सोड़े बनाया जाएगा. यह सोड़े गांव के सभी पुरुष जाहेरथान में ग्रहण करेंगे. इसके बाद गांव के नायके (पुजारी) पूरे गांव के लोगों के बीच आशीर्वाद स्वरूप साल के फूल बांटेंगे. इसके बाद बाहा बोंगा के पारंपरिक नृत्य संगीत का दौर शुरू होगा.
बाहा बोंगा (पूजा) के दूसरे दिन आतु सेंदरा (गांव में होने वाले सेंदरा) का आयोजन किया जाएगा, जिसमें गांव के युवक पारंपरिक हथियार लेकर गांव में भ्रमण करेंगे और मुर्गों का शिकार करेंगे. इस दौरान दिन भर पानी की होली खेलने का दौर चलेगा.
इस होली में रंगों के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक रहती है. रंग लगाने पर पंचों द्वारा जुर्माना लगाया जाता है. बहरहाल, बाहा बोंगा के लिए गांवों को सजाने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है. 23 फरवरी से ग्रामीण इलाकों में बाहा का उल्लास दिखने लगेगा.
कब कहां होगा बाहा उत्सव
# 24 फरवरी – बारीगोड़ा
# 25 फरवरी – पोंडेहासा, रानीडीह, किनुडीह, डिमना, देवघर
# 26 फरवरी – सारजमदा, सिदगोड़ा, खुखड़ाडीह, बाहागाढ़
# 5 मार्च – सुरदा क्रासिंग, नरवा माइंस, करनडीह (दिशोम बाहा)
# 6 मार्च – बर्मामाइंस
# 7 मार्च – तिलकागढ़, डोमजुड़ी, राजदोहा
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