उदित वाणी, पोटका: सरकार एक ओर जन वितरण प्रणाली को सुचारू करने के लिए लगातार प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी स्तर पर इसके क्रियान्वयन में लापरवाही देखने को मिल रही है. पोटका प्रखंड इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है. यहां राशनिंग व्यवस्था इतनी बदहाल हो चुकी है कि कार्डधारियों के प्रदर्शन अब केवल उपहास का विषय बनकर रह गए हैं.
बार-बार प्रदर्शन, फिर भी कोई समाधान नहीं
रसूण चोपा पंचायत के आधा दर्जन गांवों के सैकड़ों कार्डधारियों ने मंगलवार को जन वितरण दुकानदार चरक चौकर महिला समिति के खिलाफ पोटका प्रखंड कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. ग्रामीणों का आरोप है कि बीते पांच महीनों से दुकानदार ने राशन नहीं दिया है, जबकि हर माह कार्डधारियों के फिंगरप्रिंट लिए जा रहे हैं. शिकायत के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है.
लगातार सामने आ रही हैं गड़बड़ियां
एक सप्ताह पूर्व मानपुर पंचायत में राशन डीलर एआईडी महिला समिति और बीरबल महाली के खिलाफ भी ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया था. यहां तीन माह से कार्डधारियों को राशन नहीं मिला. इससे पहले, हाथी बिनदा पंचायत के कार्डधारियों ने भी विरोध जताया था, जहां दो माह से राशन का वितरण नहीं हो रहा था.
क्या प्रशासन करेगा ठोस कदम?
बार-बार शिकायतों और प्रदर्शनों के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है. क्या प्रशासन इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने के लिए कोई सख्त कदम उठाएगा, या फिर कार्डधारियों का आक्रोश यूं ही उपेक्षित रहेगा?
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