रांची: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एस. वाई. कुरैशी द्वारा वक्फ कानून को मुस्लिमों की जमीन हड़पने की साजिश करार देने पर देश की सियासत गरमा गई है. कुरैशी ने 17 अप्रैल को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “यह वक्फ कानून मुस्लिमों की जमीन हड़पने की सरकार की बहुत बुरी साजिश है. मुझे पूरा विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट इसे गलत ठहराएगा.”
निशिकांत दुबे ने लगाया गंभीर आरोप
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 20 अप्रैल को इस टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, “आप चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त थे. आपके कार्यकाल में झारखंड के संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों को सबसे अधिक वोटर बनाया गया.”
इतिहास और पहचान को लेकर भी दिया तंज
दुबे ने आगे लिखा, “इस्लाम धर्म भारत में 712 में आया. उससे पहले की जमीन हिंदुओं या उनसे जुड़ी आदिवासी, जैन और बौद्ध आस्थाओं की थी. मेरे गांव विक्रमशिला को बख्तियार खिलजी ने 1189 में जला दिया था. इस देश को जोड़िए, इतिहास पढ़िए. पाकिस्तान तोड़ने से बना, अब कोई बंटवारा नहीं होगा.”
सोशल मीडिया पर बंटा जनमत
निशिकांत दुबे की इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर समर्थन और विरोध की लहर दौड़ गई. कुछ ने उन्हें राष्ट्रवादी नेता बताया तो कईयों ने इसे समुदाय विशेष के विरुद्ध भड़काऊ बयान कहा.
सुप्रीम कोर्ट और संसद को लेकर भी दे चुके हैं बयान
दुबे इससे पूर्व वक्फ कानून की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर भी सवाल उठा चुके हैं. उन्होंने कहा था, “अगर सुप्रीम कोर्ट ही कानून बनाएगा, तो संसद को बंद कर देना चाहिए.” भाजपा ने इस बयान से किनारा करते हुए इसे नेता की व्यक्तिगत राय बताया और सभी नेताओं को संयमित भाषा के प्रयोग की सलाह दी है.
(IANS)
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।