उदित वाणी, रांची: राज्य सरकार ने शैक्षणिक सुधार को लेकर अहम फेसला लिया है. अब राज्य के सरकारी स्कूलों के सभी कोटि के शिक्षकों के लिए न्यूनतम 50 घंटे का प्रशिक्षण अनिवार्य किया जायेगा. शिक्षकों को ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यम से प्रशिक्षण दिया जायेगा. शिक्षकों को डायट में जाकर भी 5-6 घंटे का प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा. मुख्यसचिव अलका तिवारी के निर्देश पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने शिक्षकों के प्रशिक्षण का नया हाइब्रिड माड्यूल तैयार किया है.
राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने शुक्रवार को रातू स्थिति राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा विद्यालय नेतृत्व-विविध भूमिकाएं एवं जिम्मेदारियां बिषय पर आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के उद्धाटन सत्र के दौरान इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि राज्य में उक्त व्यवस्था को शीघ्र ही सभी शिक्षकों के लिए अनिवार्य करने की तैयारी चल रही है. शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया कि शिक्षकों को जिस तरह के प्रशिक्षण की जरूरत है.
उस दिशा में अबतक प्रयास नहीं हुआ. प्रशिक्षण के नए मॉड्यूल के तहत 50 घंटे के अनिवार्य प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों का आवश्यकता आधारित मूल्यांकन भी किया जायेगा. ताकि पता चले कि इसके बाद शिक्षकों का और किस तरह के प्रशिक्षण की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि कोई शिक्षक अपने बिषय में निपुण हो सकते हैं. लेकिन उनमें लीडरशिप की कमी हो सकती है. इसी तरह जिनमें लीडरशिप की क्षमता है. उनमें बिषय की और अधिक जानकारी की आवश्यकता हो सकती है.
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