उदित वाणी, रांची: यूनीफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन (U-DISE+) की नवीनतम रिपोर्ट 2023-24 भारत के स्कूलों में नामांकन में चिंताजनक गिरावट की ओर संकेत करती है. वर्ष 2023-24 में देश के विद्यालयों में कुल नामांकन 24.8 करोड़ दर्ज किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.55 करोड़ कम है. सरकारी स्कूलों में नामांकन में 5.59% की कमी आई है, जबकि निजी स्कूलों में यह गिरावट 3.67% रही. लड़कों के नामांकन में 6.04% तथा लड़कियों के नामांकन में 5.76% की गिरावट देखी गई है. यह आंकड़े देश में शिक्षा की पहुंच और आकर्षण को लेकर गहन समीक्षा की मांग करते हैं.
आधार कार्ड से जोड़ने की पहल
2023-24 की रिपोर्ट के अनुसार 19.7 करोड़ से अधिक छात्रों ने अपना आधार नंबर प्रस्तुत किया है. इसका उद्देश्य छात्रवार विशिष्टता स्थापित करना है. झारखंड की स्थिति पर नजर डालें तो कुल 71,43,255 छात्रों में से 59,58,289 ने आधार प्रस्तुत किया है, जो 83.41% के अनुपात को दर्शाता है. यह प्रयास शिक्षा नीति को डेटा आधारित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा सकता है, हालांकि इसमें निजता और डेटा सुरक्षा की चुनौतियाँ भी निहित हैं.
क्या है U-DISE+
यू डायस यानी यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन भारत सरकार द्वारा स्थापित एक ऐसा डेटाबेस है जो स्कूलों की बुनियादी जानकारी को सहेजता है. इसमें स्कूल का नाम, स्थान, शिक्षक, छात्र संख्या, और अन्य विवरण दर्ज होते हैं. यह प्रणाली नीतिगत निर्णयों, बजट आवंटन, योजनाओं के मूल्यांकन और शैक्षिक निगरानी के लिए एक केंद्रीय स्रोत के रूप में कार्य करती है. U-DISE कोड हर मान्यता प्राप्त स्कूल को आवंटित किया जाता है जो उसकी शैक्षिक पहचान को दर्शाता है.
रिपोर्ट की प्रमुख बातें
भारत के स्कूल शिक्षा प्रणाली में लगभग 14.72 लाख स्कूल, 98 लाख शिक्षक और 24.8 करोड़ छात्र नामांकित हैं.
2018-19 की तुलना में नामांकन में 6% की गिरावट आई है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में गिरावट सर्वाधिक रही.
2023-24 तक 19.7 करोड़ छात्रों ने आधार नंबर जमा किया है.
झारखंड में शिक्षा की स्थिति
ड्रॉपआउट और PTR
झारखंड में औसत ड्रॉपआउट दर 10.27% है.
प्रारंभिक स्तर पर 4.93%, माध्यमिक स्तर पर 9% और कुल माध्यमिक ड्रॉपआउट 10.27% है.
राज्य का छात्र-शिक्षक अनुपात (PTR) 35 है. प्रति विद्यालय औसत नामांकन 161 है, जो स्कूल संसाधनों और बुनियादी ढांचे के पुनर्विन्यास की मांग करता है.
नामांकन और शिक्षक
कुल नामांकित छात्र: 71,43,255
शिक्षक: 2,06,591
विद्यालयों की संख्या: 44,475
प्रति विद्यालय औसत शिक्षक: 5
शून्य नामांकन विद्यालय: 199 (इनमें 398 शिक्षक कार्यरत)
एकल शिक्षक विद्यालय: 8,353
इन विद्यालयों में नामांकित छात्र: 4,10,199
शिक्षा के ढांचे की झलक
पुस्तकालय/बुक बैंक वाले विद्यालय: 42,258
खेल मैदान वाले विद्यालय: 32,532
डिजिटल लाइब्रेरी: 855
किचन गार्डन: 10,261
बालिका शौचालय: 43,838 (सक्रिय 42,950)
बालक शौचालय: 43,068 (सक्रिय 42,057)
बिजली कनेक्शन वाले विद्यालय: 42,343 (उपयोग में 40,922)
सोलर पैनल युक्त विद्यालय: 6,784
कंप्यूटर युक्त विद्यालय: 33,472
कंप्यूटर लैब चालू हालत में: 18,942
इंटरनेट सुविधा वाले विद्यालय: 23,435
रेन वाटर हार्वेस्टिंग उपलब्ध: 10,181 विद्यालयों में
नामांकन में गिरावट: नीति नियोजन को चेतावनी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 और सतत विकास लक्ष्य (SDG) के तहत 2030 तक माध्यमिक स्तर पर 100% सकल नामांकन (GER) हासिल करना लक्ष्य है. परंतु नामांकन में आई गिरावट, ड्रॉपआउट दर और बुनियादी सुविधाओं की स्थिति इस दिशा में बड़ी चुनौती है.UDISE+ रिपोर्ट बताती है कि छात्रों के स्कूल में टिकाव को बढ़ाना और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना अब केवल आंकड़ों की बात नहीं, बल्कि शिक्षा के भविष्य की नींव से जुड़ा मुद्दा है.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।