उदित वाणी, बरसोल: लुगाहारा गांव में 12 जंगली हाथियों का झुंड लगातार आतंक मचा रहा है, जिसमें कुछ हाथी के बच्चे भी शामिल हैं. शुक्रवार रात हाथियों ने गांव में दो एकड़ में लगी धान की फसल को पूरी तरह नष्ट कर दिया, जिससे किसान बेहद परेशान हैं. ग्रामीणों को पूरी रात जागकर हाथियों को खदेड़ना पड़ा.
रातभर मशाल लेकर हाथियों को खदेड़ते रहे ग्रामीण
हाथियों को गांव से भगाने के लिए 20 क्विक रिस्पांस टीम (QRT) के सदस्य और स्थानीय ग्रामीणों ने मशाल लेकर जंगल की ओर खदेड़ने का प्रयास किया. वनकर्मी पूरी रात गांव में गश्त करते रहे, लेकिन हाथियों के बार-बार लौटने से समस्या गंभीर बनी हुई है.
चार साल से हाथियों के आतंक से परेशान हैं किसान
गांव में करीब 80 परिवार निवास करते हैं, जिनमें से अधिकांश किसान हैं. कोई धान की खेती करता है, तो कोई सब्जियां उगाकर जीवनयापन करता है. लेकिन बीते चार वर्षों से हाथियों के तांडव ने गांव के किसानों की नींद उड़ा दी है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि वन विभाग पहले हाथियों को भगाने के लिए पटाखे, मोबिल और मशाल जैसी सहायता प्रदान करता था, लेकिन अब यह सहायता बंद कर दी गई है. किसानों का आरोप है कि चाकुलिया से वन विभाग की टीम जब तक गांव पहुंचती है, तब तक हाथी फसलों को तहस-नहस कर देते हैं.
ग्रामीणों की मांग – हाथियों को भगाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं
गांव के किसान नित्य रंजन महतो, कैलाश महतो, निशिथ महतो, दाखिन मुर्मू, झुगुं मुर्मू, बाड़ा मुर्मू आदि ने वन विभाग से मांग की है कि हाथियों को भगाने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए जाएं और पुरानी सहायता बहाल की जाए.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।