उदित वाणी जमशेदपुर : झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की पिस्टल इन दिनों सुर्खियों में है. इस पिस्टल को लेकर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने बन्ना गुप्ता पर कई आरोप लगाए हैं. सरयू राय के आरोपों का निचोड़ यह है कि बन्ना गुप्ता के पास जो पिस्टल है वो एक तरह से अवैध है. हालांकि बन्ना गुप्ता की ओर से दावा किया गया है कि पिस्टल पूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए हासिल की गयी है और सरयू मंत्री की छवि बिगाडऩे का प्रयास कर रहे हैं. बन्ना गुप्ता के अधिवक्ता ने सरयू राय के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा है जिसमें सरयू राय पर वायरल वीडियो एवं पिस्टल के मामले में झूूठा प्रचार करने का उलट आरोप लगाते हुुए इसका जवाब मांगा गया है. नोटिस के तीन दिन के अंदर जवाब नहीं मिलने पर 10 करोड़ रुपये की मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी गयी है.
सवाल है कि वो पिस्टल कौन सी है जिसे लेकर एक मंत्री और विधायक के बीच आरोप-प्रत्यारोपों का दौर चल रहा है. हमें जो जानकारी मिली है उसके आधार पर यह पिस्टल .45 कैलिबर की ग्लॉक 21 (जेन 4) है.लोडेड मैगजीन के साथ 1100 ग्राम वजन की इस पिस्टल में लगनेवाली मैगजीन की कैपिसिटी 13 है यानी एक मैगजीन में 13 गोलियां रहती हैं. ग्लॉक 21 की एक खासियत यह है कि इसमें एक बार फायरिंग के बाद दूसरी गोली भी ज्यादा तेजी से दागी जा सकती है. बाजार में मिलनेवाली .45 कैलिबर की पिस्टल्स में से ग्लॉक 21 से फायरिंग करना लोगों को ज्यादा आसान लगता है, इसलिए इसकी डिमांड ज्यादा है. इसकी एक और खासियत है कि इसे लेफ्ट और राइट हैंड शूटर्स के लिए डिजाइन किया गया है. यानी दोनों हाथों से इसे चलाया जा सकता है. ग्लॉक पिस्टल का उत्पादन आस्ट्रिया की इसी नाम की कंपनी करती है, लेकिन भारत में इसके मैन्युुफैक्चरिंग का लाइसेंस तमिलनाडु के तिरूवल्लुर जिले में काउंटर मेजर्स टेक्नोलॉजिज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है. केंद्र सरकार रक्षा के क्षेत्र में स्वदेशी को बढ़ावा देने की जो नीति लेकर आई, उसी के तहत 2019 में तमिलनाडुु में ग्लॉक पिस्टल्स के निर्माण का संयुुक्त उपक्रम स्थापित किया गया. इस प्लांट में ग्लॉक के जी 21, जी 25, जी 36, जी 44, जी 22, जी 31, जी 30 और जी 42 वर्जन का निर्माण किया जा रहा है. पहले ये पिस्टल्स केवल पुलिस और रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों और अफसरों के इस्तेमाल के लिए सीमित थी, लेकिन जनवरी, 2023 से ग्लॉक पिस्टल को लाइसेंस के जरिए आम लोगों को बेचा जाने लगा. पूर्वी भारत के लिए ग्लॉक का डीलर कोलकाता की आम्र्स एंड एम्युनिशन में डील करनेवाली फर्म जे विश्वास एंड कंपनी को बनाया गया है.
लेकिन सरयू राय जो आरोप लगा रहे हैं, उसके मूल में केंद्रीय गृह मंत्रालय का एक पत्र है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ग्लॉक 21 और ग्लॉक 44 को लेकर कोलकाता पुलिस के रिजर्व फोर्स के डिप्टी कमिश्नर को एक जवाबी पत्र भेजा गया है. कोलकाता पुुलिस के डिप्टी कमिश्नर (रिजर्व फोर्स, आम्र्स एक्ट डिपार्टमेंट) ने 20 जनवरी, 2023 को केंद्रीय गृह मंत्रालय से 24 जी 21 और 6 जी 44 मॉडल के ग्लॉक पिस्टल के बावत स्पष्टीकरण/गाइडलाइंस मांगा था. इसका जवाब केंद्रीय गृह मंत्रालय के आईएस-आई डिवीजन/आम्र्स सेक्शन की ओर से 27 जनवरी, 2023 को भेजा गया. इस पत्र में कहा गया है कि पिस्टल के बावत कई गाइडलाइंस को पूरा नहीं किया गया है. काउंटर मेजर्स टेक्नोलॉजिज प्राइवेट लिमिटेड के पास आम्र्स रूल्स के रूल 57 के तहत निर्देशित फॉर्म वन लाइसेंस नहीं है और न ही कंपनी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से हथियारों के प्रूफ टेस्ट की अनुमति हासिल की है.काउंटर मेजर्स टेक्नोलॉजिज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सप्लाई किए गए किसी पिस्टल की जे विश्वास एंड कंपनी द्वारा की गई बिक्री आम्र्स एंड एक्ट व रूल्स के खिलाफ हो सकती है. उस डीलर को ऐसे पिस्टल्स की और अधिक बिक्री की अनुमति देने से पहले पश्चिम बंगाल सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए. अगर जरूरत पड़े तो पहले से बेचे गए पिस्टल्स को वापस लेकर उन्हें राज्य की आर्मरी में जमा किया जा सकता है. हालांकि बन्ना गुप्ता के अधिवक्ता का कहना है कि मंत्री ने सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पिस्टल हासिल की है तो इसमें उनके ऊपर किसी तरह का सवालिया निशान उठाना ही सिरे से गलत है.
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