उदित वाणी, जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम के सरकारी स्कूलों में प्राथमिक कक्षा के बच्चों को तो गर्म कपड़े खरीदकर दे दिए गए हैं, लेकिन सीनियर कक्षाओं के बच्चों का इंतजार जारी है। उन्हें गर्म कपड़े के लिए दी जाने वाली राशि नहीं मिल पाई है। हालांकि जिला शिक्षा विभाग का दावा है कि विभाग ने गर्म कपड़ों की खरीद के लिए डीबीटी यानी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर दिया है और क्रमवार बच्चों के लिंक खाते में राशि पहुंच भी रही है, लेकिन वास्तविकता यह है कि अधिकतर स्कूलों के बच्चे अब भी बिना गर्म कपड़ों के ही स्कूल जाने को मजबूर हैं।
सोमवार को सर्दी की छुट्टियों के बाद सरकारी स्कूल खुले तो कक्षा-1 एवं कक्षा-2 के बच्चे तो गर्म कपड़ों में दिखे, लेकिन इससे ऊपर की कक्षाओं के बच्चे बिना गर्म कपड़े पहने ही स्कूल आए थे। चूंकि सोमवार को दिनभर जमशेदपुर में धुंध छाई रही, इससे ठंड का एहसास हो रहा था। कक्षा के भीतर तो ठंड ज्यादा ही थी। इसलिए बच्चों की उपस्थिति भी कम दिखी। जो बच्चे आए भी थे, उनमें से अधिकतर अपने घर के उपलब्ध गर्म कपड़े पहनकर आए थे। पूछने पर बच्चों ने कहा कि स्कूल से उन्हें स्वेटर नहीं मिला है। घर पर पहले से जो स्वेटर था, उसी को पहनकर आए हैं। वहीं, कई बच्चे ऐसे थे, जो सिर्फ शर्ट पहनकर ही स्कूल पहुंचे थे।
मामले में जिला शिक्षा अधीक्षक निशु कुमारी ने बताया कि सभी स्कूल के बच्चों के लिए डीबीटी के माध्यम से गर्म कपड़ों की खरीद के लिए राशि ट्रांसफर कर दी गई है। इस प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है। वहीं, प्रारंभिक कक्षा के बच्चों के लिए गर्म कपड़े खरीदकर बांट दिए गए हैं। वहीं झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अरुण कुमार ने कहा कि डीबीटी प्रक्रिया के तहत राशि उपलब्ध कराने का काम समय से हो जाना चाहिए था। अबतक बच्चों को गर्म कपड़े नहीं मिलना उचित नहीं है। ठंड अधिक है। ऐसे में बच्चे सर्दी से बीमार हो सकते हैं। समय से प्रक्रिया पूरी की जानी चाहिए थी।
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