शिक्षकों के समक्ष आर्थिक संकट गहराया, जिला शिक्षा अधीक्षक से लगाई गुहार
उदित वाणी, जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले के सहायक शिक्षकों (पारा शिक्षकों) के मानदेय पर रोक लगा दी गई है. इनमें हजारों सहायक शिक्षक शामिल हैं. इन शिक्षकों का वेतन उनके प्रमाणपत्रों की जांच का काम पूरा नहीं होने के कारण रोका गया है.
जिला शिक्षा अधीक्षक ने इस बाबत पत्र प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को जारी किया है, जिसमें जुलाई माह से ही सहायक शिक्षकों के वेतन पर रोक लगाने की बात कही गई है. इससे सहायक शिक्षकों के सामने अब आर्थिक संकट गहरा गया है.
गौरतलब हो कि जिले के सभी पारा शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच की जानी है. यह जांच प्रक्रिया पूरी नहीं होने तक अब उन्हें वेतन नहीं दिया जाएगा.
जुलाई महीने में ही जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को सहायक शिक्षकों की उपस्थिति पंजिका के साथ उनके प्रमाणपत्र की जांच का काम पूरा होने की सूची भी सौंपने को कहा गया था, लेकिन अबतक ऐसा नहीं हो पाया है, जिसके कारण जुलाई व अगस्त महीने का वेतन सहायक शिक्षकों को भुगतान नहीं किया जा सका है.
अब एक बार फिर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों को जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय से प्राप्त सूची के आधार पर संबंधिक सहायक शिक्षकों का प्रमाणपत्र जांच कर सूची देने को कहा गया है, इसी के बाद सहायक शिक्षकों का वेतन निर्गत किया जाएगा.
सहायक शिक्षकों ने लगाई वेतन देने की गुहार
शनिवार को एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा की ओर से जिला शिक्षा अधीक्षक को ज्ञापन सौंप कर जुलाई और अगस्त माह का वेतन रिलीज करने की मांग की गई. ज्ञापन में कहा गया कि सहायक अध्यापक पूर्व में वर्ष 2016 व वर्ष 2018 और र्व.
2021-22 में तीन बार अपने शैक्षणिक, डीएलएड प्रमाणपत्र का सत्यापन करने के लिए विभाग को दे चुके हैं, लेकिन विभागीय पदाधिकारियों की शिथिलता के कारण अबतक सत्यापन का कार्य अधूरा रखा गया है.
कहा कि पांच अप्रैल 2022 को ही सहायक अध्यापकों के प्रमाणपत्र की जांच करने का आदेश दिया गया था, जो विभागीय लापरवाही के कारण अबतक लंबित है, लेकिन इसकी सजा सहायक अध्यापकों को मिल रही है.
उन्गें वेतन नहीं मिल रहा है. जिला अध्यक्ष सुमित कुमार तिवारी ने मांग की कि जल्द से जल्द वेतन का भुगतान किया जाए.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।