उदित वाणी, रांची: विगत 13 माह से अध्यक्ष व सदस्यों का पद खाली होने की वजह से निष्क्रिय पड़े झारखंड विद्युत नियामक आयोग में बुधवार को दो सदस्यों की नियुक्ति कर दी गई है. परन्तु आयोग के अध्यक्ष का पद अब भी रिक्त है. लिहाजा उर्जा विकास निगम के सेवानिवृत मुख्य अभियंता अतुल कुमार को नियामक आयोग के सदस्य तकनीकी व सेवानिवृत प्रधान जिला न्यायाधीश महेंद्र प्रसाद को सदस्य विधि के पद पर नियुक्ति संबंधी अधिसूचना उर्जा विभाग द्वारा जारी कर दी गई. वहीं बताया गया है कि नियामक आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का प्रस्ताव झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के यहां लंबित है तथा मुख्य न्यायाधीश की अनुशंसा मिलते ही अध्यक्ष के पद पर भी जल्द नियुक्ति कर दी जायेगी. गौरतलब है कि विगत 9 फरवरी 2021 से ही आयोग पूरी तरह से निष्क्रिय है और लगभग 13 महीने से आयोग के निष्क्रिय होने की वजह से नये बिजली टैरिफ समेत अन्य कई तरह के मामले लंबित हैं. ज्ञात हो कि जनसुनवाई समेत बिजली टैरिफ व अन्य किसी भी तरह के नीतिगत निर्णय लेने के लिए आयोग में कम से कम एक सदस्य का होना जरूरी है. लेकिन आयोग के सभी पद खाली होने से राज्य में पिछले दो वित्तीय बर्ष में बिजली दर में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गई है और राज्य में वित्तीय बर्ष 2019-20 का ही विद्युत टैरिफ अब तक लागू है. यद्यपि वित्तीय बर्ष 2020-21 के लिए भी दिसंबर 2020 में ही जेबीवीएनएल द्वारा बिजली टैरिफ में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया था. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से इस वित्तीय बर्ष में विद्युत टैरिफ नहीं बढ़ाया गया था.
17 प्रतिशत तक बिजली दर बढ़ाने का जेबीवीएनएल ने दे रखा है प्रस्ताव
लेकिन अब नियामक आयोग के सदस्यों के दो पदों को भरे जाने के बाद विद्युत उपभोक्ताओं को जल्द ही बिजली का झटका लग सकता है. जेबीवीएनएल द्वारा वित्तीय बर्ष 2022-23 के लिए दिसंबर 2021 में ही नया बिजली टैरिफ आयोग के पास जमा कर दिया है. जिस पर जल्द ही जनसुनवाई शुरू होने की उम्मीद है. ज्ञात हो कि जेबीवीएनएल द्वारा वित्तीय बर्ष 2022-23 के लिए 16 से 17 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ाने का प्रस्ताव दे दिया गया है. सात दिसंबर 2021 को जेबीवीएनएल ने नया एनुवल रेवन्यू रिक्यावरमेंटयएआरआरद्ध के साथ नयी टैरिफ का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग के पास जमा किया गया है.
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