
उदित वाणी, जमशेदपुर: आदिवासी सुरक्षा परिषद ने सरकारी भवनों में संताली भाषा की ओलचिकी लिपि में नाम लिखने की मांग की है. परिषद ने इस संबंध में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को एक मांग पत्र सौंपा है. पत्र में झारखंड सरकार के कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के निर्देश का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि संताल बहुल क्षेत्रों में सरकारी भवनों के नाम संताली भाषा में लिखे जाने चाहिए. परिषद ने इस निर्देश को शीघ्र लागू करने की अपील की है ताकि जनजातीय समुदाय को उनकी भाषा और संस्कृति का सम्मान मिल सके.
संताली भाषा का संवर्धन आवश्यक
संताली भाषा, जो झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम जैसे राज्यों में बोली जाती है, संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल एक मान्यता प्राप्त भाषा है. हालांकि, इसके प्रचार-प्रसार के लिए प्रशासनिक स्तर पर पर्याप्त प्रयास नहीं किए गए हैं. सरकारी भवनों और कार्यालयों में संताली भाषा की ओलचिकी लिपि में नाम लिखने से न केवल इस भाषा का प्रचार होगा, बल्कि स्थानीय जनजातीय समुदाय को अपनी पहचान पर गर्व भी महसूस होगा. इसके अलावा, इस पहल से शिक्षा और प्रशासनिक कार्यों में भी जनजातीय समुदाय की सहभागिता बढ़ेगी.
सरकारी आदेश का पालन न होना
परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष रमेश हांसदा ने प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई है. उन्होंने बताया कि झारखंड सरकार के निर्देशानुसार संताल बहुल क्षेत्रों में सरकारी भवनों और कार्यालयों के नाम संताली भाषा में लिखे जाने चाहिए. हालांकि, अब तक केवल जिला संपर्क कार्यालय में ही यह कार्य हुआ है. अन्य जिला और अनुमंडल कार्यालयों में इस आदेश का पालन नहीं किया गया, जो संताल समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन है. परिषद ने प्रशासन की इस लापरवाही को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे तत्काल लागू करने की मांग की है.
जनजातीय संस्कृति और पहचान का सम्मान
संताली भाषा और ओलचिकी लिपि जनजातीय समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर हैं. यदि सरकारी भवनों में इन लिपियों में नाम अंकित किए जाते हैं, तो इससे जनजातीय समाज को अपनी भाषा के संरक्षण और संवर्धन में मदद मिलेगी. यह कदम सरकार और प्रशासन के प्रति उनके विश्वास को भी मजबूत करेगा. परिषद ने उपायुक्त से अनुरोध किया है कि जिला और अनुमंडल स्तर पर इस आदेश को सख्ती से लागू किया जाए. साथ ही, सरकार से यह अपील की गई है कि जनजातीय भाषाओं और उनकी पहचान को संरक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं.
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