- दिसंबर में होगा दोनों अप्रोच रोड का फाइनल फिनिशिंग वर्क
- संवेदक की ओर से विभाग को हैंडओवर कर दिया जाएगा आरओबी
उदित वाणी, जमशेदपुर: जुगसलाई वासियों का वर्षो का सपना साकार होने जा रहा है. अब सिर्फ दो माह और इंतजार करना है. नए साल में जुगसलाई रेलवे ओवरब्रिज का तोहफा मिलने जा रहा है. फिलहाल इस ओवरब्रिज का काम युद्ध गति से आगे बढ़ रहा है. जुगसलाई छोर में एप्रोच रोड का काम पूरा कर लिया गया है जबकि नवंबर में बिष्टुपुर छोर में एप्रोच रोड का काम पूरा हो जाएगा. दिसंबर महीने में अलकतरे से कालीकरण (ब्लैक बिटूमिन) और फिनिशिंग वर्क किया जाएगा. पथ निर्माण विभाग (आरसीडी) के अधिकारियों का दावा है कि एप्रोच रोड का काम पूरा होने तक निर्माण का काम युद्ध स्तर पर जारी रहेगा. संवेदक त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन के मैनेजर प्रसन्ना साहु ने बताया कि दिसंबर तक सारा काम पूरा कर विभाग को आरओबी हैंडओवर कर दिया जाएगा. उम्मीद है नए साल में आरओबी से आवागमन चालू हो पाएगा.
एप्रोच रोड की डिजाइन में परिवर्तन के कारण लागत हुई 44 करोड़
एप्रोच रोड की डिजाइन को संशोधित किया गया है और इसकी लागत भी बढक़र 44 करोड़ रुपये हो गई है. जबकि सर्वदलीय संघर्ष समिति के आंदोलन के कारण सरकार ने 2011 में ओवरब्रिज बनाने की जब पहल की थी, उस वक्त 16 करोड़ रुपये में रेलवे ओवरब्रिज बनाने का निर्णय लिया था.
एक वर्ष पूर्व नवंबर में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने की थी पहल
जुगसलाई आरओबी का काम शिलान्यास के तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया था. काम बहुत ही धीमी गति से चल रहा था. इसी को देखते हुए पिछले वर्ष 12 नवबंर को मंत्री बन्ना गुप्ता की पहल पर आरओबी का काम जोर पकड़ा था. बन्ना जुगसलाई वासियों की मांग पर
जुगसलाई आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) का निरीक्षण करने पहुंचे थे जहां अधूरे कार्यों की समीक्षा की थी. उन्होंने तत्काल संवेदक त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन के मालिक आदर्श दोदराजका व आनंद दोदराजका समेत उनकी पूरी टीम से आरओबी निर्माण की बाधा को समझा. ठेकेदार ने बताया कि काम रुकने का सबसे बड़ा कारण 52 घरों को शिफ्ट करना है. इसमें 38 घर आधे-अधूरे बने हैं बन्ना की पहल पर सभी बाधाओं को दूर कर निर्माण कार्य तेज किया गया था.
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