उदित वाणी जमशेदपुर : टाटानगर रेल सिविल डिफेंस द्वारा इलेक्ट्रीक लोको पायलट प्रशिक्षण केंद्र में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें लोको पायलटों को इंजन में आग लगने की स्थिति में फायर संयंत्रों के सही उपयोग और विषैले व विषहीन सर्पदंश की पहचान तथा प्राथमिक चिकित्सा के बारे में जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में पायलटों को विभिन्न फायर संयंत्रों के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया गया, विशेषकर नई इलेक्ट्रिक इंजन डब्लू एजी 9 में प्रयोग किए जाने वाले कार्बन डाइआक्साइड फायर संयंत्र के लाभों को समझाया गया। ट्रेनिंग के दौरान वन क्षेत्रों में लाल सिग्नल पर खड़ी इंजन की जांच के दौरान सर्पदंश की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई।
दूसरे सत्र में पीपीटी के माध्यम से सर्पदंश की स्थिति में प्राथमिक उपचार पर जानकारी दी गई। ट्रेनिंग के दौरान बताया गया कि सांप सामान्यतः खाने के समय या भयभीत होने पर काटते हैं।
साथ ही यह भी बताया गया कि कभी-कभी जहरीले सांप भी ड्राई बाइट करते हैं, जिसमें जहर नहीं होता। इसलिए ऐसी किसी भी परिस्थिति में पीड़ित को घबराना नहीं चाहिए और उसका मनोबल बनाए रखना चाहिए।
प्रशिक्षण में जोर देकर कहा गया कि सर्पदंश की स्थिति में तांत्रिक उपायों या झाड़-फूंक से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसी ही गलतियों से लोगों की मृत्यु हो सकती है। सही और समय पर दी गई प्राथमिक चिकित्सा से विषैले सांप के काटने पर भी जान बचाई जा सकती है।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में दक्षिण पूर्व रेलवे के टाटानगर, चक्रधरपुर, आद्रा, रांची, खड़गपुर, संतरागाछी, और डोगवापोशी रेलवे मंडल के 400 से अधिक लोको पायलटों ने भाग लिया। कार्यशाला का संचालन रेल सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने किया, जबकि जीवंत फायर और सीपीआर डेमोंस्ट्रेशन अनिल कुमार सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम ने रेल कर्मियों को आग से सुरक्षा और सर्पदंश से बचाव के प्रति जागरूक किया, जिससे उनकी सुरक्षा और कार्यकुशलता में वृद्धि होगी।
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