उदित वाणी, जमशेदपुरः टाटा स्टील के खेल प्रभाग ने अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के उपलक्ष्य में गुरुवार को एक इंटर स्कूल बास्केटबॉल टूर्नामेंट और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया. टूर्नामेंट में कुल 27 टीमों ने भाग लिया. बालक वर्ग की 17 टीमों में से दयानंद पब्लिक स्कूल विजेता रहा जबकि केपीएस कदमा की टीम उपविजेता रही.
लड़कियों के वर्ग में 10 टीमों ने भाग लिया, जिनमें केपीएस बर्मामाइंस विजेता और केपीएस कदमा उपविजेता रहा. इस अवसर पर खेल रत्न और पद्म श्री पुरस्कार विजेता ज्योतिर्मयी सिकदर ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और विजेताओं को सम्मानित किया. उन्होंने देश में खेलों के विकास की दिशा में टाटा स्टील के प्रयासों की प्रशंसा की और प्रतिभागियों को प्रेरित किया. उन्होंने टाटा स्टील के कोचों, कैडेटों और अकादमियों और प्रशिक्षण केंद्रों के प्रशिक्षुओं के साथ भी बातचीत की.
सिकदर ने अपने शुरुआती दिनों, चुनौतियों और टूर्नामेंट के दौरान भारत सरकार से मिले समर्थन के बारे में बताया. उन्होंने प्रतिभागियों को अपने लक्ष्यों के प्रति कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया, भले ही उनके आसपास के लोग कुछ भी कहें.
छोटी जीत से सन्तुष्ट नहीं हो
खेल प्रभाग ने हॉकी लीजेंड फ्लोरिस जान बोवलैंडर के साथ टाटा स्टील के कोचों, कैडेटों और अकादमियों और प्रशिक्षण केंद्रों के प्रशिक्षुओं के लिए एक इंटरैक्टिव सत्र का भी आयोजन किया. उन्होंने तीन ओलंपिक और तीन विश्व कप में अपने देश (नीदरलैंड) का प्रतिनिधित्व किया है. चैंपियन बनने के लिए क्या करना पड़ता है, इस बारे में बात करते हुए उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे छोटी जीत से कभी संतुष्ट न हों.
इसके बजाय हमेशा बड़ी जीत के लिए जाएं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि एक एथलीट के लिए अपने प्राथमिक खेल से ब्रेक लेना और अपने प्रदर्शन और फोकस को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए अन्य खेल विषयों की कोशिश करना महत्वपूर्ण है.
हैंडबॉल टूर्मामेंट का आयोजन
टाटा स्टील के खेल विभाग ने एक इंट्रा-प्रशिक्षण केंद्र और अकादमी हैंडबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया. बालिका वर्ग में बास्केटबॉल प्रशिक्षण केंद्र विजेता रहा जबकि रोलर-स्केट प्रशिक्षण केंद्र उपविजेता रहा. लड़कों की श्रेणी में एथलेटिक्स ट्रेनिंग सेंटर विजेता रहा जबकि रोलर-स्केट ट्रेनिंग सेंटर उपविजेता रहा.
ओलंपिक में सर दोराब जी टाटा का अहम योगदान
ओलंपिक में भारत की भागीदारी का श्रेय सर दोराबजी टाटा को जाता है. उन्होंने 1920 में एंटवर्प ओलंपिक के लिए राष्ट्रीय दल को वित्तपोषित किया और 1924 में आयोजित पेरिस ओलंपिक में भारत की भागीदारी पर होने वाले खर्च का कुछ हिस्सा वहन किया.
भारतीय ओलंपिक संघ का गठन 1927 में सर दोराब के पहले अध्यक्ष के रूप में किया गया था. आईओए ने एम्सटर्डम में आयोजित 1928 के ओलंपिक के लिए भारतीय टीम का चयन किया, जहां भारत ने हॉकी में स्वर्ण पदक जीता.
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