उदित वाणी, जमशेदपुर: जमशेदपुर के सुप्रसिद्ध कवि एवं साहित्यकार गंगा प्रसाद अरूण को वर्ष 2025 का “सावित्री सिन्हा शीर्ष सम्मान” से सम्मानित किया जाएगा. यह सम्मान भोजपुरी साहित्य में उनके विशिष्ट योगदान को मान्यता देते हुए उत्तर प्रदेश की जीवनोदय शिक्षा समिति, गाजीपुर द्वारा प्रदान किया जाएगा.
जीवनोदय शिक्षा समिति की घोषणा
उत्तरप्रदेश की जीवनोदय शिक्षा समिति, गाजीपुर के अध्यक्ष प्रोफेसर रामनारायण तिवारी ने इसकी घोषणा की है. यह सम्मान 23-24 अगस्त 2025 को लंका मैदान, गाजीपुर में आयोजित वार्षिक समारोह में प्रदान किया जाएगा. जीवनोदय शिक्षा समिति ने इस वर्ष से ही “सावित्री सिन्हा शीर्ष सम्मान” की शुरुआत की है, जो साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है.
भोजपुरी साहित्य में 50 वर्षों का योगदान
गंगा प्रसाद अरूण लगभग 50 वर्षों से भोजपुरी साहित्य सेवा में सक्रिय हैं. उनकी रचनाएं और आलेख भोजपुरी साहित्य को समृद्ध करते आए हैं. उनके प्रमुख काव्य संग्रह और पुस्तकें हैं –
हहरत हियरा (भोजपुरी गीत संग्रह), 1974
अँगना महुआ झरल (भोजपुरी गीत-नवगीत संग्रह), 2010
तीन डेगे त्रिलोक (भोजपुरी हाइकु संग्रह), 2013
गजल गवाह बनी (भोजपुरी गजल संग्रह), 2018
प्रेम न बाड़ी ऊपजै (मदन लेख संग्रह), 2020
मनुवा मनगीत लिखे (भोजपुरी मनगीत संग्रह), 2021
द्वंद्व समास (भोजपुरी ललित गद्य संग्रह), 2021
कई अन्य पुस्तकें भी प्रकाशन के लिए तैयार हैं.
शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में शामिल रचनाएँ
उनके भोजपुरी गीत-नवगीत संग्रह ‘अँगना महुआ झरल’ की सात रचनाएँ बिहार विश्वविद्यालय के एमए (स्नातकोत्तर) भोजपुरी पाठ्यक्रम में शामिल हैं. इसके अलावा, उनके यात्रा वृत्तांत ‘फोकट में सैर’ को भी भोजपुरी के विद्यार्थियों द्वारा पढ़ा जाता है.
राष्ट्रीय संयोजक की खुशी
भोजपुरी जन जागरण अभियान के राष्ट्रीय संयोजक एवं गंगा प्रसाद अरूण के पुत्र राजेश भोजपुरिया ने इस सम्मान पर खुशी जताते हुए कहा कि यह सम्मान जमशेदपुर के वरिष्ठ कवि के लिए गर्व का विषय है, जो भोजपुरी साहित्य के प्रति उनकी महती सेवा को दर्शाता है.
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