उदित वाणी, जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे स्टेशन को आधुनिक स्वरूप देने की दिशा में अब रेलवे ने बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर ली है। स्टेशन के रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत जून माह से अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के लिए रेलवे ने एक विस्तृत ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है और इसे हर हाल में पूरा करने के निर्देश वरीय रेल अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं। जिला प्रशासन का सहयोग लेकर पूरे अभियान को चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा।
कीताडीह और गुदड़ी मार्केट पर चलेगा बुलडोजर
रेलवे की योजना के अनुसार, स्टेशन के आसपास स्थित कीताडीह और गुदड़ी मार्केट को पूरी तरह से जमींदोज किया जाएगा। इन इलाकों का रेलवे द्वारा कई बार निरीक्षण किया जा चुका है और अब यहां कार्रवाई को अमलीजामा पहनाने की तैयारी है। रेलवे के मुताबिक, यहां वर्षों से अनाधिकृत रूप से कब्जा जमाए दुकानदारों और बस्तियों को हटाना आवश्यक है, ताकि स्टेशन का विस्तार और सौंदर्यीकरण कार्य निर्बाध रूप से हो सके।
मुआवजे का भी प्रावधान
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान प्रभावितों को मुआवजा देना अनिवार्य है। मकान या दुकान के अनुसार मुआवजा तय किया जाएगा। हालांकि, यह देखना होगा कि रेलवे इस दिशा में कितनी पारदर्शिता और संवेदनशीलता बरतता है। स्थानीय लोगों की आशंकाएं इस बात को लेकर भी हैं कि उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिलेगा या नहीं।
चाईबासा बस स्टैंड का होगा अंत
स्टेशन के ठीक सामने स्थित चाईबासा बस स्टैंड को भी रेलवे की योजना के तहत समाप्त कर दिया जाएगा। यहां वर्षों से दर्जनों दुकानें और बस ऑपरेटरों की गतिविधियां चल रही थीं, लेकिन अब रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत इस क्षेत्र को खाली कराया जाएगा। इन दुकानों को भी तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।
इतिहास दोहराने की आशंका, पहले भी हुआ था बवाल
करीब ढाई दशक पहले रेलवे ने कीताडीह और रेलवे ट्रैफिक कॉलोनी में भी अतिक्रमण हटाने का प्रयास किया था। उस वक्त अभियान के दौरान भारी विरोध हुआ था और एक स्कूल को भी ध्वस्त कर दिया गया था। इस दौरान एक महिला की मौत हो गई थी, जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ था और रेलवे अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी भी की गई थी। अब एक बार फिर इतिहास खुद को दोहराने की आशंका जताई जा रही है।
डीआरएम और डीसी की अहम बैठक होगी
इस बार रेलवे पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरना चाहता है। चक्रधरपुर रेल मंडल के डीआरएम की ओर से पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त अनन्य मित्तल के साथ जल्द बैठक की जाएगी। रेलवे जीएम की ओर से आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। इस बैठक में अभियान की रूपरेखा, सुरक्षा व्यवस्था और मुआवजा वितरण जैसी अहम बातों पर चर्चा की जाएगी। बैठक के बाद ही अभियान की औपचारिक शुरुआत की जाएगी।
रेलवे प्रशासन का मानना है कि टाटानगर स्टेशन का विकास पूरे क्षेत्र के लिए लाभकारी होगा। हालांकि स्थानीय लोगों की चिंता भी वाजिब है। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह पारदर्शिता के साथ काम करे और जनता को न्याय दिलाए।
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