उदित वाणी जमशेदपुर : परसुडीह खासमहल स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर एक बार फिर विवादों में घिर गया है। दक्षिण पूर्व रेलवे के टाटानगर वरिष्ठ अनुभाग अभियंता ने सोमवार को मंदिर परिसर में नोटिस चस्पा कर निर्माण कार्य को रोकने और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए।
रेलवे के अनुसार, मंदिर परिसर में दो नए कमरे और एक हॉल का निर्माण किया जा रहा है, जो अतिक्रमण के अंतर्गत आता है। इसके अलावा, रेलवे ने मंदिर से सटी भूमि पर खुदाई कार्य भी शुरू कर दी है, जहां दीवार खड़ी की जाएगी।
मंदिर कमेटी का विरोध
जगन्नाथ मंदिर कमेटी के फाउंडर सदस्य रितेश घोषाल ने रेलवे के इस कदम की कड़ी निंदा की है। उन्होंने बताया कि यह निर्माण कार्य मंदिर के पुजारी और मंदिर की सामग्री रखने के उद्देश्य से किया जा रहा है। अगर रेलवे प्रशासन इसे तोड़ने की कार्रवाई करता है, तो वे सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
पहले भी हुआ था विवाद
यह पहली बार नहीं है जब रेलवे ने इस तरह का कदम उठाया है। इससे पहले भी मंदिर की दीवार और गेट तोड़ने का नोटिस दिया गया था, लेकिन भारी विरोध के चलते कार्रवाई टाल दी गई थी।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
मंदिर के श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों में रेलवे के इस कदम को लेकर गहरी नाराजगी है। लोगों का कहना है कि जगन्नाथ मंदिर केवल एक पूजा स्थल नहीं है, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर है।
रेलवे की दलील
रेलवे का कहना है कि मंदिर की वर्तमान स्थिति रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण के दायरे में आती है, जिसे हटाना अनिवार्य है। हालाँकि, इस मामले ने अब एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, और स्थानीय लोग रेलवे के खिलाफ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
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