कॉलेजों ने शिक्षकों की सूची सौंपी
एक ही शहर में दस साल से ज्यादा समय तक जमे शिक्षकों का होगा तबादला
उदित वाणी, जमशेदपुर: राजभवन की ओर से यूनिवर्सिटी इंस्पेक्टर नियुक्त किए जाने के बाद अब कोल्हान विश्वविद्यालय में व्यापक बदलाव किए जाने की तैयारी है. इसकी शुरुआत कोल्हान विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर शिक्षकों के तबादले से होने की उम्मीद है.
विश्वविद्यालय ने इस तबादले की कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए पिछले दिनों कोल्हान विश्वविद्यालय के सभी अंगीभूत कॉलेजों में तैनात शिक्षकों की स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई थी. अधिकर महाविद्यालयों ने यह सूची भेज दी है और अब जल्द ही तबादले की प्रक्रिया पूरी की जा जाएगी.
हालांकि इसे लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन अभी चुप्पी साधे हुए हैं, क्योंकि पिछले दिनों ऐसी ही प्रक्रिया तबादले को लेकर शुरू की गई थी, लेकिन इसे लेकर चर्चा छिडऩे पर शिक्षक संघों ने इसका विरोध कर दिया और मामला लटक गया.
बताते चलें कि विश्वविद्यालय की ओर से पिछले दिनों कॉलेजों से मांगे गए स्टेटस रिपोर्ट में कॉलेजों से पूछा गया था कि वे वैसे शिक्षकों की सूची उपलब्ध कराएं, जो 10-10 साल से एक ही कॉलेज में सेवारत हैं.
इनकी रिपोर्ट तीन दिनों के भीतर विश्वविद्यालय को देनी थी. इसमें यह भी जानकारी मांगी गई है कि पिछले दस वर्षों में अगर संबंधित शिक्षक एक कॉलेज में नहीं भी रहे हैं, तो वे जिस कॉलेज में कार्यरत हैं, उस शहर के अन्य कालेजों में कितने दिनों तक कार्यरत रहे.
इस रिपोर्ट के आधार पर विश्वविद्यालय शिक्षकों की जानकारी ली कि जमशेदपुर के शहरी इलाके के कालेजों में कबतक सेवारत रहे. इनकी सूची बनाए जाने के बाद इस बार शहरी क्षेत्र में सेवारत शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्र भेजे जाने की तैयारी है तो वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षकों को शहरी क्षेत्रों में आने का मौका मिल पाएगा.
तबादले के लिए यह सूची सिर्फ शिक्षकों की ही नहीं, बल्कि शिक्षकेतर कर्मचारियों की भी मांगी गई थी. इनका भी साथ ही साथ तबादला किया जाना है. दरअसल पिछले कई दिनों से कोल्हान विवि के अंगीभूत कालेजों में राजभवन द्वारा गठित यूनिवर्सिटी इंस्पेक्टर की टीम दौरा कर रही है और औचक निरीक्षण के क्रम में दस्तावेजों व संसाधनों की जांच कर रही है.
अब विश्वविद्यालय तबादले की सूची बनाकर लंबे समय से एक जगह पढ़ा रहे शिक्षकों को दूसरे कॉलेजों में भेजने की तैयारी में जुट गई है. इस तबादले के पीछे औपचारिक तौर पर यूजी के नए विषयों के बास्केट के आधार पर शिक्षकों को अलग-अलग कॉलेज भेजने की बात कही जा रही है.
बताते चलें कि सीनेट में प्रो. संजय कुमार सिंह ने ट्रांसपोर्ट एलाउंस में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के शिक्षकों में भेदभाव नहीं करने, शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कार्य में टीए में विसंगति का मामला उठाया था. वहीं तीन साल में शिक्षकों के स्थानांतरण की नीति का विरोध किया.
ब्रजेश कुमार ने वोकेशनल के शिक्षकों का कम वेतन होने का मामला उठाया. इस पर कुलपति ने बताया कि इसके लिए कमेटी बनी है, जो निर्णय लेगी.
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