उदित वाणी, जमशेदपुर: बागबेड़ा कीताडीह जिला परिषद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली आठों पंचायतों में जल संकट चरम पर है. फरवरी माह से ही क्षेत्र का जलस्तर गिरना शुरू हो गया, और अब हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि लोगों को रोजमर्रा की जरूरत के लिए भी पानी मयस्सर नहीं हो रहा.
जिला परिषद कार्यालय में आपात बैठक
गंभीर जल संकट को देखते हुए जिला परिषद सदस्य डॉ. कविता परमार के आवासीय कार्यालय में गुरुवार को एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसमें आठों पंचायतों के मुखिया, उपमुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य व समाजसेवी उपस्थित रहे.बैठक में सभी प्रतिनिधियों ने क्षेत्र की सूखाग्रस्त स्थिति और पानी की अपर्याप्त आपूर्ति को लेकर गंभीर चिंता जताई.
फरवरी से ही प्रशासन को किया गया था सूचित
डॉ. कविता परमार ने बताया कि फरवरी में ही उपायुक्त को क्षेत्र की जल समस्या से अवगत कराया गया था. मार्च में जुस्को और तारापुर को बागबेड़ा क्षेत्र में जलापूर्ति का आदेश भी दिया गया, लेकिन वर्तमान में मात्र 2500 लीटर की टैंकर से एक ही ट्रिप में पानी भेजा जा रहा है, जो नाकाफी है.
अल्टीमेटम: 21 अप्रैल से होगा आंदोलन
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यदि शनिवार, 19 अप्रैल तक पानी के सभी निर्धारित प्वाइंट्स पर समुचित जल आपूर्ति नहीं होती, तो 21 अप्रैल, सोमवार से सभी पंचायत प्रतिनिधि कामकाज छोड़कर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठेंगे. यह आंदोलन डॉ. कविता परमार के नेतृत्व में होगा.
बैठक में रहे ये प्रमुख चेहरे
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुखिया उमा मुंडा, धनमुनी मार्डी, मायावती टुडू, राजकुमार गौड़, मनोज मुर्मू, पंचायत समिति सदस्य राजू सिंह, झरना मिश्रा, गीतिका प्रसाद, उपमुखिया सुरेश निषाद, पूर्व उपमुखिया कुमोद यादव,वार्ड सदस्य अभिषेक कुमार, तथा समाजसेवी नीरज चौधरी, के डी मुंडा और नागेश प्रसाद उपस्थित रहे.
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