उदित वाणी, जमशेदपुर: देश भर में मजदूर आंदोलन का नेतृत्व करने वाला मजदूर संगठन सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) का सातवां दो दिवसीय झारखंड राज्य सम्मेलन शनिवार 12 नवम्बर को काली मंदिर प्रांगण टिनप्लेट में शुरू हुआ.
सबसे पहले गणीनाथ सेवा संस्थान से सम्मेलन स्थल तक मज़दूर एकता रैली निकाली गई. सीटू के राज्य अध्यक्ष मिथिलेश सिंह द्वारा मजदूर आंदोलन का प्रतीक लाल झण्डा फहराया गया. सम्मेलन का विधिवत उदघाटन करते हुए देश के प्रख्यात श्रमिक नेता पूर्व सांसद और सीटू के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड तपन सेन ने कहा कि आज देश गंभीर दौर से गुज़र रहा है.
समाज के अंदर सांप्रदायिक जहर घोलते हुए जनता को बांटने की साज़िश की जा रही है. साम्राज्यवादी पूंजीपति परस्त नीतियों के कारण दुनिया भयंकर आर्थिक मंदी की चपेट है.
ट्वीटर, फेसबुक, अमेजन जैसे बड़ी मल्टी नेशनल कंपनियों से हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है. भारत में भी मोदी सरकार की कॉरपोरेट परस्त मजदूर विरोधी नीतियों के चलते नेशनल मोनेटाइजेशन पाइप लाइन के माध्यम से लूट मार्ग के रास्ते देश की सभी सार्वजनिक संपतियों को पूंजीपतियों के हाथों बेचा जा रहा है.
झारखंड की महत्त्वपूर्ण खनिज कोयला क्षेत्र को पूरी तरह से कॉरपोरेट को बेचा जा रहा है. स्थाई मजदूरों की संख्या घटकर आधे से भी कम हो गयी है. ठेका और आउटसोर्सिंग पर मजदूरों को रखा जा रहा है, जहां न समाजिक सुरक्षा है और न ही न्यूनतम मज़दूरी दी जाता है.
45 सालों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी
देश मे 45 सालों में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है. स्टील क्षेत्र में एक लाख 10 हजार मज़दूर कार्यरत थे, जो आज घटकर मात्र 55 हज़ार रह गये हैं. रेलवे में आधे से ज्यादा नौकरियां समाप्त कर दी गई है.
लोगों के पास खरीदने की क्षमता नहीं है. भूखमरी में आज 122 देशों में भारत का एक सौ सातवें स्थान पहुंच गया है. देश की 40 प्रतिशत खनिज सम्पदा वाला अमीर राज्य झारखंड आज बीमारू राज्य बन गया है. राज्य में उद्योग धंधा चौपट हो गया है. एचईसी जैसी सरकारी कंपनी बंदी के कगार पर खड़ी है.
देश में पूंजीवाद को आगे बढ़ाने के लिए तानाशाही रास्ते पर चलते हुए मोदी सरकार देश को निजीकरण के रास्ते पर ले जा रही है. आज़ादी की 75 वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव के नाम पर आज़ादी के खिलाफ साज़िश की जा रही है.
आज इन परिस्थितियों का मुकाबला करने के लिए जनता को आगे आने की जरूरत है. कृषि कानून के खिलाफ़ एक साल तक चले किसान आंदोलन ने यह साबित कर दिया है कि एकताबद्ध होकर लड़ाई लड़ी जाएगी तो हम तानाशाह सरकार को भी पीछे धकेल सकते हैं.
उदघाटन सत्र को इन्होंने संबोधित किया
उदघाटन सत्र को सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ज्ञान शंकर मजुमदार, कोल फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव डी डी रामानंदन, सीटू के राज्य महासचिव प्रकाश विप्लव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष के के त्रिपाठी, एटक के वरिष्ठ नेता बी एन सिंह, एक्टू के राज्य महासचिव शुभेंदु सेन, किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुफल महतो, राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शर्मिला ठाकुर, लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन के पारस कुमार, बेफी के सुजॉय राय, बीमा कर्मचारी संघ के प्रदीप मुखर्जी, जलेस के अशोक शूर्यदर्शी और एडवा नेत्री पालमोनी किस्कू ने भी संबोधित किया.
स्वागत समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर शांतनु सरकार ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन सचिव विश्वजीत देव ने किया. उदघाटन सत्र के बाद प्रतिनिधि सत्र में सीटू के राज्य महासचिव प्रकाश विप्लव ने राजनीतिक सांगठनिक प्रतिवेदन पेश किया.
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