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उदित वाणी, जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिले में अब डेंगू डराने लगा है। लगातार मामले बढ़ रहे हैं और अब तो मौत का सिलसिला भी शुरू हो गया है। शनिवार की देर रात को हुई एक मौत के बाद जिला प्रशासन भी सकते में हैं और स्वास्थ्य विभाग को रेस कर दिया गया है। साफ सफाई की व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर सघन अभियान चलाने की रणनीति बनी है। वहीं जादूगोड़ा और नरवा माइंस इलाके में खास सतर्कता की तैयारी है।
बताते चलें कि जादूगोड़ा के यूसील काॅलोनी स्थित परमाणु ऊर्जा केंद्र विद्यालय के शिक्षक कृष्ण कुमार शर्मा (46) का शुक्रवार की देर रात मौत हो गई। वे डेंगू के चपेट में आ गए थे। उन्हें इलाज के लिए टीएमएच अस्पताल जमशेदपुर में भर्ती कराया गया था। समय पर उचित इलाज नहीं हो पाने के कारण उनकी मौत हो गई।
स्कूल के अन्य शिक्षकों ने बताया कि गत शुक्रवार को स्कूल आए थे। जब उन्हें यहां तबीयत खराब हुई तो यूसील अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां पर उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ जाने से सोमवार को पुनः उन्हें टाटा मेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। सोमवार से इलाजरत थे। उनके तबीयत में सुधार के बजाय बिगड़ती गई। उसके बाद शुक्रवार की रात को इलाज के दौरान मौत हो गई। डेंगू के कारण खून में तेजी से प्लेटलेट घट गया था। यहां बता दें कि शिक्षक केके शर्मा के पिता भी परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक थे। उनके निधन के बाद उनके अनुकंपा में इन्हें यहां पर नौकरी मिली थी। इनका एक बेटा एवं एक बेटी है।
जादूगोड़ा में पहले भी एक शिक्षिका की हो चुकी मौत
जादूगोड़ा में इन दिनों डेंगू का प्रकोप काफी बढ़ गया है। दर्जनों लोग डेंगू के कारण अस्पताल में इलाजरत है। शिव मंदिर में रहने वाले अमन पांडेय सहित यूसील कर्मचारी डेंगू में चपेट में आकर इलाजरत है। कुछ लोगों का टीएमएच तो कुछ का ब्रह्मानंद अस्पताल में इलाज चल रहा है। यहां बता दें कि इससे पहले परमाणु ऊर्जा केंद्र विद्यालय की शिक्षिका कोकिला पाल का भी डेंगू के कारण निधन हो गया था। डुमरिया में भी एक व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार होने पर एमजीएम में भर्ती कराया गया था।
यूसील काॅलोनी में न तो साफ-सफाई और न ही फाॅगिंग की है व्यवस्था
यूसील कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी साफ सफाई के प्रति बेहद लापरवाह हो गई है। मच्छर से मुक्ति के लिए फागिंग भी नहीं किया जा रहा है। पूरा काॅलोनी गंदगी से पटा हुआ है। यूसील कॉलोनियों में झाड़ियों तथा गंदगी के कारण मच्छर पनप रहे हैं। कॉलोनी में नालियां भी अच्छी तरह साफ सफाई नहीं हो रहे हैं । जगह-जगह गंदगी के कारण कीड़े मकोड़े बढ़ रहे हैं । जो लोगों को बीमार बना रहा है।शिक्षक के डेंगू से मौत होने पर यूसील कर्मी सहित संयुक्त यूनियन के नेताओं ने भी काफी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि यूसील प्रबंधन के द्वारा करोड़ों रुपया खर्च कर ठेकेदारों को साफ सफाई का टेंडर दिया जाता है।
एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से होता है डेंगू
डेंगू के वायरस से संक्रमित एडीज प्रजाति के मच्छर के काटने से इंसानों में यह बुखार होता है। जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है उनमें इसके गंभीर रूप लेने का भी खतरा हो सकता है, ऐसे लोगों में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगते हैं। अगर इसपर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो स्थिति जानलेवा तक हो सकती है। इस तरह के जोखिमों को ध्यान में रखते हुए सभी लोगों को निरंतर बचाव के उपाय करते रहना चाहिए।
डेंगू बुखार से बचाव के उपाय
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें और कूलर का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदले।
- घर में कीटनाशक दवाई छिड़के, बच्चों को ऐसे कपड़े पहने जिससे उनके हाथ पांव पूरी तरह से ढके रहे।
- सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, मच्छर भगाने वाली दवाइयों का प्रयोग करें।
- टंकियों और बर्तनों को ढक कर रखें, पानी जमा न हो।
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