उदित वाणी, जमशेदपुर: मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज (MTMC) और जमशेदपुर सोसाइटी ऑफ एनेस्थीसियोलॉजिस्ट (JSA) ने 23 मार्च को जमशेदपुर में एक कठिन वायुमार्ग कार्यशाला का आयोजन किया. यह कार्यशाला विशेष रूप से MBBS छात्रों, मेडिकल इंटर्न्स, एनेस्थीसिया विशेषज्ञों और कंसल्टेंट्स के लिए डिज़ाइन की गई थी. इसका उद्देश्य कठिन वायुमार्ग मामलों के प्रबंधन में विशेषज्ञता को बढ़ाना और रोगियों के परिणामों में सुधार लाना था.
प्रतिभागियों का उत्साह
इस कार्यशाला में 150 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सहित पूर्वी भारत के विभिन्न हिस्सों से आए थे. राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संकाय और वक्ताओं ने अपने ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव को साझा किया. इस कार्यक्रम का आयोजन टाटा मेन हॉस्पिटल, जमशेदपुर की जनरल मैनेजर, विनीता सिंह और MTMC के निदेशक की देखरेख में किया गया.
कार्यक्रम का नेतृत्व
कार्यशाला की आयोजन अध्यक्षता जमशेदपुर सोसाइटी ऑफ एनेस्थीसियोलॉजिस्ट (JSA) की अध्यक्ष, नीलम सरनहा ने की. इस कार्यक्रम के प्रमुख आयोजक श्यामल मैती थे, और सह-संयोजकों के रूप में अम्लान स्वैन और ए. के. बराल ने योगदान दिया.
हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण
कार्यशाला में भाग लेने वालों को विभिन्न स्टेशनों पर हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण दिया गया, ताकि वे जीवनरक्षक कौशल को बेहतर समझ सकें और सीख सकें. इस प्रशिक्षण से सभी प्रतिभागियों को वायुमार्ग प्रबंधन की उन्नत तकनीकों के साथ व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हुआ, जिससे उनके कौशल में वृद्धि हुई और रोगी देखभाल और सुरक्षा में सुधार हुआ.
वैज्ञानिक सत्र
देशभर के विशेषज्ञों द्वारा वैज्ञनिक सत्र आयोजित किए गए, जिनमें कठिन वायुमार्ग प्रबंधन तकनीकों की गहन जानकारी दी गई. इन सत्रों में प्रतिभागियों को विशेष रूप से वायुमार्ग के संकटपूर्ण मामलों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया गया.
सफल आयोजन में योगदान
इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न करने में अशोक जादोन (कंसल्टेंट, MTMH), ममता राही (CMSS, TMH), अशोक सुंदर (CMIS, TMH), स्वजस्तका रिवती (HOD, टाटा मोटर्स हॉस्पिटल), उमेश प्रसाद (HOD, एनेस्थीसिया, BNH), पी. के. दत्ता (HOD, एनेस्थीसिया, MGM), समीर वूली (एसोसिएट प्रोफेसर, MTMC), विनी ए. वी. (एसोसिएट प्रोफेसर, पारामेडिकल), राजीव शुक्ला, शशिकांत और एस. के. दा की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
विशेष योगदान
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संजय देब नाग (आयोजन सह-अध्यक्ष और एनेस्थीसिया विभाग के HOD) और शरद कुमार (कंसल्टेंट, TMH) का भी विशेष योगदान रहा.
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