उदितवाणी, कांड्रा : सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड के बड़ाकांकी, छोटाकांकी, कोलाबाड़िया, तेंतला, टिटीडीह, सिजुलता, हेंसल, मुरुमडीह आदि गांवों में श्रद्धा और भक्ति के साथ मां मंगला की पूजा-अर्चना की गई. हरिजन समाज के लोगों ने बड़ाकांकी, गौड़ समाज ने छोटाकांकी और सिजुलता, जबकि गोप समाज ने पाटा हेंसल में मां मंगला की उपासना की.
भव्य कलश यात्रा, अनोखी परंपरा
बाना पंचायत की महिलाओं ने बड़ाकांकी तालाब से विधिवत पूजा कर कलश यात्रा निकाली. श्रद्धालु महिलाओं ने माथे पर कलश धारण कर नंगे पांव हरिजन टोला स्थित राजेश मुखी, सदा मुखी, कांग्रेस मुखी और पगली मुखी के पूजा स्थल तक यात्रा की.
यात्रा के दौरान एक अनोखी परंपरा निभाई गई—रास्ते में छोटे-छोटे बच्चों को उल्टा लिटाया गया, जिन्हें कलश लेकर जाती महिलाओं ने पार किया. मान्यता है कि ऐसा करने से शरीर की बीमारियां दूर होती हैं, घर में सुख-समृद्धि आती है और पापों का नाश होता है.
बलि अर्पण और प्रसाद वितरण
पूजा-अर्चना के बाद श्रद्धालुओं ने मां मंगला से सुख-समृद्धि की कामना की. परंपरागत रूप से किसी ने बकरे, किसी ने लाल मुर्गे और किसी ने कबूतर की बलि अर्पित की. पूजा में बड़ी संख्या में महिलाएं और श्रद्धालु शामिल हुए.
गांव के समाजसेवी बीजू मंडल, राजू मंडल, विशाल मंडल, गणेश मंडल और कुंजबिहारी मंडल ने श्रद्धालुओं के बीच गुड़, चना और शरबत का वितरण किया.
हर साल चैत महीने के तीसरे मंगलवार को होती है मां मंगला की पूजा
आपको बता दें कि मां मंगला (ओशा पूजा) का आयोजन हर साल चैत महीने के तीसरे मंगलवार को किया जाता है. इस अनुष्ठान को सुख-समृद्धि और कष्ट निवारण का प्रतीक माना जाता है.
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