उदित वाणी, जमशेदपुर: राज्य सरकार द्वारा होल्डिंग टैक्स में की गई भारी वृद्धि के खिलाफ अब लोगों का आक्रोश आंदोलन का रूप लेते जा रहा है. जमशेदपुर में भी यह विरोध जोर पकड़ रहा है. मानगो के लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर माहौल बनाया. अब मंगलवार को जुगसलाई में भी आंदोलन का आगाज हुआ. इलाके के लोगों ने नगर परिषद कार्यालय का किया घेराव कर धरना दिया. साथ ही होल्डिंग टैक्स वृद्धि को वापसी के सिए आगे भी आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया.
इस संबंध में जुगसलाई निवासी राजन मिश्रा ने जुगसलाई नगर परिषद के विशेष पदाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें बताया है कि विगत दो वर्षों से देश की समस्त जनता कोरोना महामारी से जूझ रही है. जिसके कारण लोगों की अर्थव्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. इसी क्रम में ताबूत की अंतिम कील का काम आपके द्वारा होल्डिंग टैक्स में तीन गुणा वृद्धि करके कर दिया गया है.
जुगसलाई वासियों ने कहा कि विभाग को एक नियमावली बनाना चाहिए. उस नियमावली के तहत ही किसी भी टैक्स में बढ़ोतरी की जानी चाहिए, लेकिन सीधे तौर पर तुगलकी फरमान विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है. आम लोगों से तीन गुणा टैक्स वसूलने की तैयारी की जा रही है, जो कि पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा कि आज जुगसलाई निवासियों ने नगर परिषद कार्यालय का घेराव कर धरना देकर अपनी बात को विभाग तक पहुंचाने का कार्य किया है. इसके बाद भी अगर विभाग द्वारा बढ़े होल्डिंग टैक्स को वापस नहीं लिया गया, तो आम जनता सड़क पर उतर कर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी.
बताया कि समस्त जुगसलाई वासी यह सूचित करते है कि इस प्रकार का अचानक से होल्डिंग टैक्स में तीन गुणा वृद्धि जुगसलाई की जनता को अस्वीकार है. जिसे लेकर जुगसलाई वासी नगर परिषद के कार्यालय में एकत्रित हुए है.
मिश्रा ने कहा कि समय-समय पर टैक्स में वृद्धि होनी चाहिए. मगर उसका भी एक निश्चित प्रारूप होना चाहिए. सुझाव दिया कि प्रति तीन वर्ष के उपरांत मात्र 10 फीसदी वृद्धि का एक मसौदा लागू किया जाये. जिसके कई फायदे है. इससे एक वृद्धि का दायरा भी निश्चित हो जायेगा. दूसरा जनता के संज्ञान में यह बात रहेगी कि हमें हर तीन वर्ष के उपरांत 10 फीसद वृद्धि के लिए तैयार रहना है. हम मांग करते है कि हमारी इस मांग को उच्च अधिकारी एवं संबंधित विभाग तक पहुंचाया जाये. साथ ही जनहित में एक सुलझा हुआ निर्णय लिया जाये.
मौके पर रंजीत उपाध्याय ने कहा कि यदि इस वृद्धि को वापस नहीं लिया गया तो जुगसलाई की जनता सड़कों पर उतरने को मजबुर होगी. उन्होंने कहा कि टैक्स वृद्धि के खिलाफ आंदोलन में लोग दलगत भावना से उठकर एकजुट हैं. गौरतलब है कि सोमवार को जुगसलाई के विभिन्न वार्डों में पदयात्रा कर युवाओं ने लोगों को होल्डिंग टैक्स वृद्धि के संबंध में जागरूक किया था.
क्या है मामला
राज्य सरकार ने होल्डिंग टैक्स को बढ़ा दिया है. इसे गत एक अप्रैल से ही प्रभावी किया गया है. बढ़ी हुई होल्डिंग दर का सीधा असर लोगों की जेब पर पडऩे लगा है. जो लोग यह टैक्स जमा करते हैं इनमें आवासीय फ्लैट, सिंगल मकान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान शामिल हैं. तीनों के लिए होल्डिंग टैक्स की अलग-अलग दर तय की गई है. बताया जाता है कि आवासीय, एकल मकान के लिए प्रति वर्गफीट सर्किल रेट और आवास का क्षेत्रफल जोडऩे के बाद जो भी कैपिटल वैल्यू आएगी, उस पर होल्ंिडग टैक्स लग रहा है. झारखंड नगरपालिका संशोधन विधेयक 2021 के तहत बनी नियमावली की वजह से टैक्स बढ़ाया गया है. बढ़ा हुआ होल्डिंग टैक्स 1 अप्रैल 2022 से ही लागू है. नई नियमावली के मुताबिक अब होल्डिंग टैक्स जमीन की सर्किल रेट के आधार पर तय किया गया है.
टैक्स जमा करने को लेकर लोग असमंजस में
होल्डिंग टैक्स जमा करने को लेकर आम लोग असमंजस हैं. इस वृद्धि के खिलाफ भड़के जनाक्रोश व सियासी दलों से रुख के चलते आम लोग यह तय नहीं कर पा रहे कि क्या किया जाए? उन्हें एक ओर लगता है कि जन दबाव में आकर यदि सरकार ने निर्णय में बदलाव कर दिया तो दिया हुआ टैक्स तो वापस होगा नहीं और यदि अभी टैक्स जमा नहीं किये तो कहीं जुर्माने के साथ जमा करने की स्थिति न पैदा हो जाए. इसी कारण से आम लोग उधेड़बुन में फंसे हैं कि आगे क्या किया जाए और क्या नहीं किया जाए?
जनप्रतिनिधियों के चुने जाने तक होल्डिंग टैक्स नहीं लिया जाए: शैलेंद्र सिंह
कोर्ट का निर्देश आने तक जुगसलाई नगर परिषद नहीं बढ़ा सकती टैक्स
लंबे समय से जुगसलाई की जन समस्याओं को लेकर संघर्षरत नागरिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष सरदार शैलेंद्र सिंह ने जुगसलाई, मानगो व जेएनएसी इलाके में सरकार के आदेश से 3 गुना होल्डिंग टैक्स बढ़ाए जाने का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने कहा कि जब तक इन तीनों निकायों में झारखंड सरकार चुनाव नहीं करवाती है और जब तक जनता के प्रतिनिधि चुन नहीं लिए जाते हैं तब तक कोई भी आदमी होल्डिंग टैक्स नहीं दे. उन्होंने कहां कि होल्डिंग टेक्स बढ़ाने का अधिकार निकायों के निर्वाचित सदस्यों को होता है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार के इस निर्णय का नागरिकों के विरोध के कारण वर्तमान में जो विकास कार्य निकायों में चल रहे हैं, वे भी बाधित हो जाएंगे. लोग सड़कों पर आ गए हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अनुरोध किया कि अविलंब सरकार द्वारा लिए गए निर्णय को वापस लें और निकायों में चुनाव करवा कर निर्वाचित सदस्यों पर छोड़ दें कि कितना टैक्स बढ़ाना है. सरदार शैलेंद्र सिंह ने बताया कि 2 वर्ष पूर्व भी जुगसलाई नगर परिषद द्वारा होल्डिंग टैक्स बढ़ाया गया था. जिसके विरोध में जुगसलाई रेंट पीयर्स एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की थी. केस अभी भी हाईकोर्ट में चल रहा है. इसलिए जुगसलाई नगर परिषद उच्च न्यायालय का फैसला आने तक कोई होल्डिंग टैक्स नहीं बढ़ा सकती है. अगर जुगसलाई नगर परिषद टैक्स बढ़ाने का कार्य करती है तो यह असंवैधानिक होगा. शैलेद्र सिंह ने आश्चर्य व्यक्त किया है कि आज सभी राजनीतिक पार्टियों के लोगों द्वारा टैक्स वृद्धि का विरोध कर रहे हैं, जबकि इन्हीं की पार्टियों के विधायकों में से किसी ने विधानसभा में टैक्स बढ़ाने के समय विरोध नहीं किया. सरदार शैलेंद्र सिंह ने कहा कि जब तक उचित फैसला नहीं हो जाता है तब तक कोई भी नागरिक होल्डिंग टैक्स का भुगतान ना करे.
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