- हस्तशिल्पियों को बाजार उपलब्ध कराने के लिए सप्ताह भर चलने वाले इस हाट का आयोजन हर माह होगा
- हाट में 8 स्टॉल होंगे, जिसमें से 7 हस्तशिल्प और एक जनजातीय व्यंजन के
उदित वाणी, जमशेदपुर: टाटा स्टील फाउंडेशन ने जनजातीय हस्तशिल्पियों को सतत बाजार उपलब्ध कराने के मकसद से हर माह कदमा के प्रकृति विहार में जोहार हाट लगाने का फैसला किया है. सप्ताह भर चलने वाले इस हाट का पहला संस्करण 14 जनवरी को शुरू होगा, जिसका उदघाटन टाटा स्टील के वीपी (कारपोरेट सर्विसेस) चाणक्य चौधरी सुबह 11 बजे करेंगे. टाटा स्टील फाउंडेशन के जीरेन टोप्नो ने बताया कि जोहार हाट की पहल पहली बार हुई है. अमूमन टाटा स्टील की ओर से हर साल लगने वाले ट्राइबल कॉन्क्लेव संवाद में केवल 15 से लेकर 19 नवम्बर के बीच देश भर से आए जनजातीय हस्तशिल्पियों के स्टॉल लगते हैं. इसके बाद शहरवासियों को साल भर इन शिल्पकारों का इंतजार करना पड़ता है. इस हाट का मकसद यह है कि हर माह देश भर के शिल्पकार अपने हस्तशिल्प को प्रदर्शित करें और उसे बेचें. इससे उन्हें हर माह बाजार मिलेगा और शहरवासियों को भी इसके लिए साल भर इंतजार नहीं करना पड़ेगा.
जनजातीय व्यंजन का एक स्टॉल होगा
उन्होंने बताया कि इसके लिए कदमा के प्रकृति विहार में स्थायी स्ट्रक्चर बनाया गया है, जिसमें हर साल यह हाट लगेगा. इसमें जो स्टॉल लगेंगे, उसमें से सात हस्तशिल्प के और एक ट्राइबल खाने के स्टॉल होंगे. हमने डाइनिंग हॉल भी बना रखा है, ताकि कोई लंच और डिनर कर सके. अगर कोई इन जनजातीय खानों को पैक कराकर घर ले जाना चाहे, तो वह भी ले जा सकता है.
इन प्रदेशों के स्टॉल होंगे
सात स्टॉलों पर विभिन्न प्रदेशों के जनजातीय हस्तशिल्पी अपने हस्तशिल्प को प्रदर्शित करेंगे. इस बार अरूणांचल प्रदेश, छतीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, झारखंड और मध्य प्रदेश के स्टॉल होंगे. हर माह प्रदेशों के स्टॉल अलग-अलग राज्यों के होंगे, ताकि सभी प्रदेशों के शिल्पकारों को अपने सामान को प्रदर्शित करने और बेचने का मौका मिल सके. कोशिश रहेगी कि संडे की शाम को जनजातीय संगीत हो, ताकि हाट में लोग आ सके. संवाद में हमने रिदम ऑफ द अर्थ संगीत को बनाया है, जिसकी प्रस्तुति यहां हो सकती है.
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