उदित वाणी, रांची: बजट सत्र के नौंवे दिन अल्पसूचित प्रश्नकाल के दौरान सत्तारूढ़ पार्टी झामुमो के विधायक लोबिन हेंब्रम ने पी-पेसा को लेकर सदन को उलझाया. लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि राज्य में पी-पेसा कानून लागू है.
लेकिन पी-पेसा कानून के तहत सभी विभागों को नियमावली बनाकर संवैधानिक रूप में पंचायतों को सुदृढ़ करना था. जिसपर अभी तक कोई पहल नहीं की गई. इसके साथ ही लोबिन ने पी-पेसा का विकेन्द्रीकरण करके पंचायत चुनाव कराने पर भी आपत्ति जताया. उन्होंने कहा कि संवैधानिक दृष्टिकोण से यह मान्य नहीं है.
उन्होंने कहा कि पी-पेसा कानून के तहत नियमावली नहीं बनने से ग्राम स्वराज्य की अवधारणा को भी ठेस पहुंची है. इसके जवाब में पंचायती राज आलमगीर आलम ने कहा कि पी-पेसा कानून के तहत नियमावली गठित करने के लिए पंचायती राज विभाग द्वारा अन्य 15 विभागों से रिपोर्ट मांगी गयीहै.
अबतक 12 विभागों ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. तीन अन्य विभागों से भी रिपोर्ट आने के बाद नियमावली गठित करने पर विचार किया जायेगा. इस पर लोबिन हेंब्रम नियमावली गठित करने के लिए समय सीमा निर्धारित करने को लेकर अड़े रहे.
उन्होंने कहा कि विभागीय मंत्री समय बताएं कि कब तक यह लागू हो जाएगा. इस पर मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि यह कानून से संबंधित मामला है. समय देना उचित नहीं होगा। लेकिन लोबिन के अड़े रहने के बाद आलमगीर आलम ने कहा कि जिन अन्य तीन विभागों ने अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं दी है. उनसे रिपोर्ट मंगाकर चलते सत्र में ही समय सीमा निर्धारित कर दी जायेगी.
जेवीएसटीवीे से प्रसारण बंद होने पर सवाल पूछने से किया इंकार
वहीं लोबिन हेम्ब्रम व पंचायती राज विभाग के मंत्री के बीच प्रश्नोत्तर चलने के दौरान ही विपक्षी भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने विधानसभा टीवी [जेवीएसटीवी] का प्रसारण रोकने व माइक बंद करने का आदेश दिया. जिसपर लोबिन हेम्ब्रम ने घोर आपत्ति जताया और कहा कि उनके साथ अन्याय किया जा रहा है.
उनके सवाल करने पर विधानसभा का टीवी व माइक बंद किया जा रहा है. इसके साथ ही लोबिन हेम्ब्रम ने कहा कि जबतक विधानसभा टीवी में प्रसारण नहीं होगा.
वे पूरक सवाल नहीं पूछेंगे. इसपर स्पीकर ने कहा कि विधानसभा टीवी व माइक आपके लिए बंद नहीं किया गया है. हंगामे की वजह से बंद किया गया. आप गलत आरोप लगा रहे हैं. आपके साथ अन्याय नहीं किया जा रहा है. आप इस वक्तव्य को वापस लें.
ग्रामीण इलाकों में बिना मीटर लगे उपभोक्ताओं का बिजली बिल माफ करे सरकार
गोमिया के विधायक लंबोदर महतो ने ध्यानाकर्षण सूचना के जरिये राज्य के ग्रामीण इलाकों में बिना मीटर लगाए उपभोक्ताओं को बिजली बिल देने का मामला उठाया. लंबोदर महतो ने कहा कि ऐसे उपभोक्ताओं का बिल माफ किया जाय.
जिसके जवाब में प्रभारी मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया कि सरकार उपभोक्ताओं को वन टाइम सेटलमेंट का विकल्प दे रही है और वन टाइम सेटलमेंट करने वाले उपभोक्ताओं से विद्युत सरचार्ज भी नहीं लिया जा रहा है. इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा उपभोक्ताओं को बिजली मीटर लगाने पर एक सौ यूनिट तक बिजली फ्री देने का प्रावधान किया गया है.
जिसके तहत राज्य के लगभग 1 लाख 7000 से ज्यादा उपभोक्ताओं के 48 करोड़ 79 लाख रूपये से ज्यादा बिजली बिल छोड़ने का फैसला लिया गया है. राज्य सरकार इस मामले में गंभीर है और बिजली मीटर लगाने की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है. प्राइवेट की ओर से भी बिजली मीटर लगाने की छूट दी गई है.
फिर स्लोगन लिखा गेरूवा टीशर्ट पहने भाजपाई पहुंचे सदन
इधर प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी भाजपा विधायक बुधवार को भी 60/40 क्या है 1932 खतियान का क्या हुआ, स्लोगन लिखा गेरूवा टीशर्ट पहन कर सदन पहुंचे और वेल में जाकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
विपक्ष के बढ़ते विरोध को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदन को मर्यादा में रहने दें. सदन की मर्यादा भंग करना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि सदन संचालन में जितनी भूमिका पक्ष की होती है. उतनी ही भूमिका विपक्ष की भी होती है. उन्होंने कहा कि आप चाहते हैं कि हम देश के दूसरे विधानसभा की तरह कदम उठाएं.
जबकि हम ऐसा नहीं चाहते हैं. इसके अलावा विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष से कहा कि दिन भर स्लोगन लिखा हुआ टीशर्ट पहनना सही नहीं है. आपलोगों ने काफी विरोध प्रदर्शन किया.
अब टीशर्ट उतार दीजिए. इस पर आजसू पार्टी विधायक दल के नेता सुदेश कुमार महतो ने कहा कि विपक्ष चार दिन से यह जानना चाह रही है कि नियोजन नीति के बारे में चीजों को सरकार स्पष्ट करे. यह तो आपका भी फर्ज बनता है कि आप सरकार से जवाब दिला दें। यह हमलोंगो का आग्रह है.
लेकिन मुझे तो लगता है कि आसन का झुकाव दाहिनी ओर अर्थात सत्तापक्ष की तरफ ज्यादा है. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अगर आप इसी भावना से ग्रसित हैं तो इसका इलाज मेरे पास नहीं है.
वहीं भोजनावकाश के बाद ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, भवन निर्माण, पथ निर्माण तथा नगर विकास एवं आवास विभाग के अनुदान मांगों से संबंधित कटौती प्रस्ताव पर चर्चा की गई तथा सरकार का उत्तर आने के बाद विपक्ष द्वारा सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने के बीच उक्त विभागों के अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने सदन की कार्यवाही गुरूवार पूर्वाहन 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।