उदितवाणी, जमशेदपुर: लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल (एलबीएसएम) कॉलेज करनडीह में स्नातक मनोविज्ञान विभाग की ओर से व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान का विषय था आधुनिक मनोविज्ञान की अवधारणा और प्रमुख संप्रदाय। इस व्याख्यान का आयोजन मनोविज्ञान के आधार व्याख्यानमाला के अंतर्गत किया गया।
व्याख्यान की अध्यक्षता कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार झा ने की। उन्होंने कार्यक्रम से संबंधित विषय के विभिन्न पहलुओं पर विचार रखे। कहा कि खुश रहने की कला मनोविज्ञान या मनोविश्लेषण के अध्ययन और उनके प्रयोग से विकसित की जा सकती है। भारत को इसकी अत्यधिक जरूरत है। मांगने की मानसिकता से ऊपर उठना होगा। निर्माता की भूमिका में आना होगा। मनोविज्ञान का अध्ययन इस दिशा में उपयोगी साबित हो सकता है। मुख्य वक्ता डॉ. पूनम सहाय (पूर्व विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान विभाग एबीएम कॉलेज जमशेदपुर) ने मनोविज्ञान और उसके संप्रदाय पर विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने संरचनावाद, प्रकार्यवाद, मनोविश्लेषणवाद, व्यवहारवाद, मानवतावाद तथा सामाजिक सांस्कृतिक संप्रदाय की जानकारी दी। मंच संचालन मनोविज्ञान विभाग के डॉ. प्रशांत ने किया, जिन्होंने मनोविज्ञान की अवधारणा पर प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन मनोविज्ञान विभाग की शिक्षिका प्रमिला किस्कू ने किया। व्याख्यानमाला में डॉ. विजय प्रकाश, डॉ. पुरुषोत्तम प्रसाद, विनोद कुमार, डॉ. सुधीर सुमन, मोहन साहू, डॉ. शबनम परवीन, डॉ. सलोनी रंजने तथा डॉ. कुमारी रानी, सुमित्रा शिन्कु, शिप्रा बॉयपाई तथा साथी ही बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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