
उदित वाणी, रांची: राज्य के दिवंगत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो पंचतत्व में विलीन हो गए. बोकारो जिला के चंद्रपुरा प्रखंड के भण्डारीदह के समीप दामोदर नदी घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंत्येष्टि किया गया.
दिवगंत मंत्री के पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन व विधानसभा अध्यक्ष रबिन्द्रनाथ महतो, कई मंत्री व विधायक समेत हजारों की संख्या में लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए और उन्हें अंतिम विदाई दी. अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ा.
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने दिवंगत जगरनाथ महतो के अलारगो स्थित पैतृक आवास जाकर उनके शोकाकुल परिजनों से मिले और उनका ढांढस बंधाया. मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिजनों से कहा कि दुख की इस घड़ी में हम सभी आपके साथ खड़े हैं.
भगवान दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में जगह दे. वहीं शुक्रवार की सुबह चेन्नई से दिवंगत मंत्री जगन्नाथ महतो का पार्थिव शरीर रांची एयरपोर्ट लाया गया और तिरंगे में लिपटे पार्थिव शरीर को मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कंधा दिया तथा उनके पार्थिव शरीर को बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से विधानसभा परिसर लाया गया.
जहां मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों, कर्मियों एवं अन्य लोगों ने पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर नमन किया. झारखंड विधानसभा में अंतिम दर्शन के बाद दिवंगत मंत्री के पार्थिव शरीर को हरमू स्थित झामुमो के केन्द्रीय कार्यालय में पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन समेत अन्य नेताओं ने श्रध्दांजलि दी.
उनके बाद पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भंडारीदह बोकारो के लिए विदा किया गया. दिवंगत मंत्री के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव भेजने के क्रम में गोला, पेटरवार, जैनामोड़ समेत अन्य जगहों में उनकी एक झलक पाने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा और टाइगर दादा अमर रहें के नारों से पूरा इलाका गुंज उठा.
दिवंगत जगरनाथ की एक इच्छा अधूरी रह गई
दिवंगत जगरनाथ महतो की एक इच्छा अधूरी रह गई. बर्ष 2022 में रन फाॅर विजन कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने अपनी आंखें दान करने की इच्छा जतायी थी. पर पूरी नहीं हो सकी.
जबकि उन्होंने कहा था कि मुझे किसी ने लंग्स दान किया है इसलिए मैं आपके सामने खड़ा हूं. अगर लंग्स दान नहीं होता तो मैं यहां नहीं होता. मैं चाहता हूं, मेरा भी अंगदान हो। मैंने भी नेत्रदान के लिए फॉर्म भरा है. मेरी आंखों से किसी को रोशनी मिल जाय, तो इससे बड़ी बात कुछ नहीं हो सकता है.
प्रख्यात नेत्र बिशेषज्ञ डॉ भारती कश्यप ने कहा कि हम चाहते थे कि उनका यह सपना पूरा हो. लेकिन उनका निधन चेन्नई में हुआ और उनके निधन की जानकारी भी समय पर नहीं मिली.
अखिलेश को सीएम बना सकते हैं मंत्री
दिवंगत मंत्री जगरनाथ महतो के निधन से डुमरी विधानसभा क्षेत्र रिक्त हो गया और निर्वाचन आयोग द्वारा वहीं अगले छह माह के अंदर विधानसभा उपचुनाव कराया जायेगा.
रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव की तरह आजसू पार्टी द्वारा डुमरी उपचुनाव में भी कड़ी चुनौती पेश की जा सकती है. जिसको लेकर अभी से राजनीति अटकलें शुरू हो गई है और बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मधुपुर उपचुनाव की तरह डुमरी उपचुनाव को लेकर भी दांव आजमायेंगे और उपचुनाव के पहले दिवंगत मंत्री जगरनाथ महतो के पुत्र अखिलेश महतो को मंत्री बना सकते हैं.
ज्ञात हो कि मुधपुर के विधायक सह हेमंत सरकार में मंत्री रहे हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद मुख्यमंत्री ने उपचुनाव के पहले ही उनके पुत्र हफीजुल हसन को मंत्री बना दिए थे.
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