उदित वाणी, जमशेदपुर: जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल ने घाटशिला अनुमंडल अंतर्गत SDO एवं DCLR कार्यालय का निरीक्षण किया. इस निरीक्षण का उद्देश्य कार्यालयों की कार्यप्रणाली की समीक्षा कर उसमें पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना था. उपायुक्त ने SDO कार्यालय में लंबित न्यायिक वादों, पंजी एवं विभिन्न रजिस्टरों की स्थिति का सूक्ष्म अवलोकन किया.
रिकॉर्ड संधारण में अनियमितता पर नाराज़गी
निरीक्षण के दौरान DCLR कार्यालय में पंजी एवं कैशबुक के रखरखाव में अनियमितता पाई गई. उपायुक्त ने इस पर अप्रसन्नता जताई और निर्देश दिया कि सभी दस्तावेजों का संधारण सरकारी गाइडलाइन के अनुसार हो. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि दस्तावेजों की संधारण प्रणाली पारदर्शी और समयबद्ध होनी चाहिए.
अनुशासन और उपस्थिति पर कड़ा निर्देश
उपायुक्त ने ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने को अनिवार्य बताया. उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारी तय समय पर कार्यालय पहुंचे और ऑनलाइन उपस्थिति अवश्य दर्ज करें. अनुपालन न करने की स्थिति में अनुपस्थित माना जाएगा.
लंबित संचिकाओं के निष्पादन पर जोर
उपायुक्त ने निर्देश दिया कि लंबित संचिकाओं के निष्पादन में तेजी लाई जाए. उन्होंने कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने की आवश्यकता पर बल दिया और सभी कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग एवं उत्तरदायी रहने की हिदायत दी.
भू-अर्जन मामलों की गहन समीक्षा
DCLR कार्यालय की समीक्षा में भू-अर्जन से संबंधित संचिकाओं, मुआवजा भुगतान की प्रगति और लंबित प्रकरणों की स्थिति पर विशेष ध्यान दिया गया. उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि लाभार्थियों को समय पर मुआवजा उपलब्ध हो, इसके लिए शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.
नियमित निरीक्षण की चेतावनी
निरीक्षण के अंत में उपायुक्त ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कार्यों के निष्पादन में गंभीरता, तत्परता और उत्तरदायित्व की भावना के साथ कार्य करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक जवाबदेही को सशक्त करने हेतु इस प्रकार के निरीक्षण आगे भी नियमित रूप से जारी रहेंगे.
उपस्थित पदाधिकारी
निरीक्षण के समय अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, अनुमंडल पदाधिकारी सुनील चंद्र, LRDC नीत निखिल सुरीन सहित अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे.
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