उदित वाणी, जमशेदपुर: अगर आप पान-मसाला, खैनी, गुटका खाते हैं और सिगरेट की छल्लियां उड़ाते हैं तो सावधान हो जाइए, झारखंड-बिहार में ओरल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. मेहरबाई टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल जमशेदपुर की निदेशक डॉ.सुजाता मित्रा ने बताया कि देश भर में सबसे ज्यादा ओरल कैंसर के मामले पूर्वी भारत में हैं, जिसमें से झारखंड-बिहार प्रमुख है. इसकी वजह यह है कि यहां पान-मसाला, खैनी और गुटका खाने का रिवाज ज्यादा है. इससे मुंह के कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. बकौल मित्रा, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर ओरल कैंसर के मामले कुल कैंसर के 12 से14 प्रतिशत के करीब हैं, लेकिन झारखंड-बिहार में ओरल कैंसर के मामले एक चौथाई के करीब है, जो इसकी भयावहता को दर्शाते हैं.
कैंसर की शिकार सबसे ज्यादा महिलाएं
कैंसर के कुल मामलों को देखें तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह ज्यादा है. राष्ट्रीय स्तर पर भी कुल कैंसर के मामले के 15 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर के मामले हैं. दूसरे स्थान पर सर्वाइकल कैंसर है, जिसका प्रतिशत 12 से 14 प्रतिशत है. इस तरह महिलाओं में कुल कैंसर मामले के लगभग 30 फीसदी केवल ब्रेस्ट-सर्वाइकल कैंसर हैं, जो महिलाओं के लिए अलार्मिंग सिचुएशन है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फार्मेटिक्स एंड रिसर्च की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में कैंसर प्रभावित पुरुषों की संख्या 6.8 लाख जबकि महिलाओं की संख्या 7.1 लाख थी. 2025 तक पुरुषों में कैंसर के 7.6 लाख मामले तथा महिलाओं में 8.1 लाख मामले हो सकते हैं.
एमटीएमएच में हर साल 10 हजार नये मामले
डॉ.सुजाता मित्रा ने बताया कि एमटीएमएच में पिछले साल कैंसर के 10 हजार नये मामले आए. वैसे कुल मामले 30 हजार थे, जिसमें से 10 हजार नये मामले थे. साल दर साल कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. नये आने वाले मामलों में सर्वाधिक ब्रेस्ट, सर्वाइकल और ओरल कैंसर के मामले हैं. वैसे फेफड़े के कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं.
चार साल में कैसर के 10 फीसदी मामले बढ़ें
भारत में पिछले चार साल में कैंसर रोगियों की संख्या में लगभग 10 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम रिपोर्ट 2020 के अनुसार देश में कैंसर के 13.9 लाख मामले हैं. यह आंकड़ा 2025 तक 15.7 लाख तक पहुंच सकता है.
लाइफ स्टाइल बीमारी बना ब्रेस्ट कैंसर
डॉ.सुजाता मित्रा ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर लाइफ स्टाइल डिजिज बनता जा रहा है. इसके लिए टाटा ट्रस्ट जागरूकता अभियान चलाने जा रहा है, ताकि लड़कियों में इस बीमारी को रोका जा सके. उन्होंने बताया कि लड़कियों की शादी के उम्र के साथ ही शादी के पहले के बनने वाले रिलेशन को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है. नहीं तो यह भविष्य में कभी भी कैंसर का रूप ले सकता है.
संजय प्रसाद
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