उदित वाणी, जमशेदपुर: अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन का स्थापना दिवस हमें देश के विकास में इस समाज व संगठन के लोगों के योगदान को याद करने का अवसर प्रदान करता है.
देशहित में मारवाड़ी समाज की ओर से हर दिन किसी न किसी गतिविधि का संचालन अवश्य किया जाता है. वास्तव में व्यवसाय-वाणिज्य के साथ सामाजिक जागरुकता का सम्मिश्रण मारवाड़ी समाज की विशेषता रही है. हमें यह बताने में गर्व की अनुभूति हो रही है कि देश में किसी भी तरह का संकट आने की स्थिति में मारवाड़ी समाज खुद उस संकट से जूझते हुए भी सर्व समाज की मदद को आगे आता रहा है.
भगवान न करें कि देश को फिर कोरोना की नई लहर का सामना करना पड़े. लेकिन इस महामारी के दौरान लोगों की मदद के लिए मारवाड़ी समाज ने जिस तरह की सक्रियता दिखाई थी, सेवा की वैसी मिसाल हमेशा याद की जाएगी.
मारवाड़ी समाज के युवकों ने अपनी जान की परवान न करके लोगों को घरों तक ऑक्सीजन सिलेंडर, भोजन पैकेट व अन्य जरूरी सामग्रियों का जिस सेवा भाव के वितरण किया था, वह कार्य हमेशा दूसरों के लिए भी अनुकरणीय रहेगा.
वास्तव में मारवाड़ी समाज के बुजुर्ग लोगों को इसका श्रेय जाता है कि वे अपने समाज के युवाओं व महिलाओं को हमेशा अपने संस्कारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते रहते हैं और नई पीढ़ी को समय के साथ सेवा की विरासत की
जिम्मेदारी निभाने के लिए भी तैयार कर देते हैं. देश के किसी कोने में समाज के हित में मारवाड़ी युवाओं या महिलाओं की सक्रियता में इसकी तस्दीक की जा सकती है. जमशेदपुर ने इस दिशा में एक नजीर प्रस्तुत की है. मारवाड़ी समाज के युवा कारोबार के अलावा जन सेवा के क्षेत्र में भी दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं. विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.
पिछले दो साल के दौरान इनकी सेवाओं का सभी समाज के लोगों को अति नजदीक से देखा है और लाभान्विंत भी हुआ है. हमें यह बताने में भी गर्व की अनुभूति हो रही है कि मारवाड़ी समाज पूरे देश में सामाजिक संस्कारों में रचा बसा है. इस समाज के लोग देश के जिस हिस्से में जाकर बसे वहां की स्थानीय संस्कृति को बढ़ाने का काम किया.
औद्योगिक समृद्धि और रचनात्मक कार्यों में पूरा योगदान दिया. प्राकृतिक आपदाओं में बढ़-चढ़ कर सहभागिता निभाई. मारवाड़ी समाज की महिलाओं का सामाजिक कार्यो में अहम योगदान है. सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती है.
इनके कार्यों की पहचान राष्ट्रीय पटल पर है. सामाजिक, शिक्षण और गरीब बच्चों की बीमारियों पर विशेष ध्यान देती है. जमशेदपुर के मारवाड़ी समाज के महिलाओं ने सेवा के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर नजीर पेश की है. लौहनगरी में मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने स्वच्छ भारत अभियान को प्रेरक बना दिया. बिना सरकारी सहयोग के सौ शौचालयों का निर्माण कराया.
छात्राओं की अच्छी सेहत के लिए स्कूल और कॉलेज में आठ सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन लगाई गईं. साथ ही मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने कन्या भ्रूण संरक्षण को चुनौती के रूप में लिया. कन्या जन्मोत्सव की पहल की.
‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत नर्सिंग होम और अस्पतालों में कन्या के जन्म होने पर माता-पिता और चिकित्सक का सम्मान शुरू किया. महिलाओं की आंतरिक प्रतिभा को निखारने का भी काम किया. लेकिन सिर्फ इन्हीं बातों भर से हमें संतोष कर ठहर नहीं जाना है. अपने समाज की वर्तमान दशा पर विचार करते हुए इसकी संभावित दिशा के बारे में भी मंथन करना है.
मारवाड़ी समाज के नौकरी-उन्मुख युवाओं को अपने पूर्वजों की विशिष्टता व्यापार के प्रति पुन: रुझान पैदा करने एवं प्रेरित करने के लिए पहल करने की आवयकता है.
इसके लिए इंटरप्रेन्योरशिप पर व्यापक स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किआ जाना चाहिए. सामाजिक कुरीतियों खासकर दहेज प्रथा व भू्र्ण हत्या की बढ़ती प्रवृत्ति पर भी प्रहार जरूरी है. युवाओं व महिलाओं के विकास पर खास ध्यान देना होगा. समय की मांग है कि समाज की इस परंपरा को भविष्य में भी नव-युवाओं के लिए संरक्षित व संवर्धित रखने की ठोस पहल हो और इस कार्य को अखिल भारतीय मारवाड़ी सम्मेलन को ही करना है.
पूर्वजों ने अत्यंत सोच समझ कर रखी सम्मेलन की नींव : गाड़ोदिया
सम्मेलन की नींव हमारे पूर्वजों व बुर्जुगों ने अत्यंत सोच समझ कर रखी है. जिसका नतीजा है कि हम कुरीतियों, बुराइयों पर निरंतर काम कर पा रहे है। पहले की बुराइयों तो सीमित थी पर वर्तमान में बुराइयों की कोई सीमा नहीं है, इस पर चिंतित होना लाजमी है. हमें ज्यादा से ज्यादा इस दिशा में काम करने की जरूरत है.
– गोवर्धन प्रसाद गाड़ोदिया अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष है
सामाजिक कुरीतियों पर करें प्रहार, हक के हों एकजुट : अशोक मोदी
अखिल भारतीय वर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन के स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर समाज के आप सभी बंधु गण को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. बंधु गण आज हमारे समाज मे फिजूलखर्ची एंवं दिखावा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है.
इस तरह की कुरीतियों पर हम सब को घोर आत्मचिंतन करने की जरूरत है और इन सामाजिक कुरीतियों को दूर करना चाहिए. साथ ही अब हम सब को मिलकर अपने हक के लिए एक मजबूत लड़ाई लडऩी भी पड़ेगी. इसके लिए हम सब को एकजुट होकर सम्मेलन को और भी मजबूत करना होगा ताकि हम अपने हक के लिए और मजबूती से लड़ सकें.
हमें देश की राजनीति में अपनी भागीदारी और बढ़ानी चाहिए. साथ ही हमारे समाज के उन लोगों का हाथ मजहबूत करना चाहिए जो सरकार में अपनी भागीदारी दे रहे हैं.
-अशोक मोदी पूर्वी सिंहभूम जिला मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष है.
हमेशा खबरों से अपडेट रहने के लिए फॉलो करे….
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।