उदित वाणी, जमशेदपुर: जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त के निर्देशानुसार टाउन हॉल सिदगोड़ा में जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन में 03-18 आयु वर्ग के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा दिलाने के लिए मुखियाओं का उन्मुखीकरण किया गया. कार्यक्रम में जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू, उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान, जिला परिषद सदस्यगण और सभी पंचायतों के मुखिया शामिल हुए.
शिक्षा के क्षेत्र में पंचायत प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी
सम्मेलन में प्रमुख रूप से नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम और समग्र शिक्षा पर चर्चा की गई. इसके तहत पंचायत प्रतिनिधियों को 03-18 आयु वर्ग के बच्चों का शिशु पंजीकरण, नामांकन, ठहराव और 12वीं कक्षा तक शिक्षा सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. शिक्षा विभाग द्वारा यह पहल की गई है ताकि पंचायतों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके और उनकी शिक्षा में कोई बाधा न आए.
जिला परिषद अध्यक्ष का संबोधन
कार्यक्रम में जिला परिषद अध्यक्ष बारी मुर्मू ने पंचायतों के विकास में मुखियाओं की अहम भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि पंचायत क्षेत्र में विकास कार्यों का क्रियान्वयन और शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का वितरण मुखियाओं की निगरानी में होना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पंचायत प्रतिनिधि बच्चों की शिक्षा में सक्रिय रूप से भाग लें, यह सुनिश्चित करें कि विद्यालय समय पर खुले और बच्चों की नियमित उपस्थिति हो. इसके अलावा, उन्होंने माता-पिता को बच्चों को मोबाइल से दूर रखने की सलाह दी और बच्चों की उच्च शिक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास करने की बात कही.
उप विकास आयुक्त का योगदान
उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान ने स्कूलों में बच्चों की नियमित उपस्थिति और शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर दिया. उन्होंने अपने अनुभवों का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार एक पंचायत के मुखिया ने अपने क्षेत्र के विकास की दिशा बदल दी. उन्होंने मुखियाओं से अपील की कि वे शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्रिय भूमिका निभाएं और पंचायत के ज्ञान केन्द्रों को तकनीक से जोड़कर बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि पैदा करें.
शिक्षा विभाग का सहयोग और दिशा
जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक ने बच्चों के ड्रॉप आउट को रोकने, शिक्षकों की नियमित उपस्थिति और विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता पर निगरानी रखने की बात कही. उन्होंने मुखियाओं से अनुरोध किया कि वे सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए बेहतर वातावरण सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास करें.
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