उदित वाणी, जमशेदपुर: बारीडीह स्थित अर्देशिर दलाल मेमोरियल अस्पताल (एडीएमएच) परिसर में सोमवार को एक नए डायलिसिस सेंटर का उद्घाटन किया गया.
दिसंबर 2019 में टाटा स्टील ने नेफ्रोप्लस के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए था, जो भारत के डायलिसिस केंद्रों के सबसे बड़े नेटवर्क में से एक है. एडीएमएच डायलिसिस सेंटर के संचालन की जिम्मेवारी नेफ्रोप्लस को सौंपी गई है. इस सेंटर के खुलने से अब जमशेदपुर नागरिकों के लिए बेहतर सुविधाएं और पहुंच होगी.
डायलिसिस सेंटर का उद्घाटन टाटा स्टील के कॉर्पोरेट सर्विसेज के उपाध्यक्ष चाणक्य चौधरी ने टाटा वर्कर्स यूनियन (टीडब्ल्यूयू), टाटा मेन हॉस्पिटल और एडीएमएच अधिकारियों के वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति में किया.
चाणक्य चौधरी ने कहा कि 1996 में एडीएमएच जमशेदपुर में पहला डायलिसिस सेंटर स्थापित किया गया था, जिसमें 3 मशीनें और 9 बेड थे. बड़े गर्व के साथ कह सकता हूं कि एडीएमएच पिछले 26 वर्षों से जमशेदपुर के लोगों की सेवा कर रहा है और आने वाले वर्षों में भी करता रहेगा.
आज के डायलिसिस केंद्र के उद्घाटन के साथ हम जरूरतमंद लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली सहायता प्रदान करने में सक्षम होंगे.
20 बिस्तरों के साथ चालू किया गया है
इस केंद्र को 20 बिस्तरों के साथ चालू कर दिया गया है और इसमें प्रतिदिन 60 रोगियों की सेवा करने की क्षमता होगी. टाटा स्टील और एडीएमएच, नेफ्रोप्लस के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे और समुदाय की बेहतर सेवा करेंगे.
एडीएमएच को कुछ समय पहले इसके संचालन के लिए सीटीई मिली है. एडीएमएच में रोगी निगरानी प्रणाली, एक नया आरओ प्लांट, डायलिसर और 15 केएलडी (प्रति दिन किलो लीटर) एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं हैं.
1952 में हुई थी स्थापना
एडीएमएच की आधारशिला सर जेआरडी टाटा ने 1952 में सर अर्देशिर दलाल की याद में रखी गई थी, जो एक भारतीय पारसी सिविल सेवक थे और टाटा समूह से जुड़े थे.
एडीएमएच ने समाज को किफायती तरीके से चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए बारीडीह में एक अस्पताल की स्थापना की है.
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