उदित वाणी गम्हरिया: XITE कॉलेज गम्हरिया के कॉन्फ्रेंस हॉल में आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भारत में 14 अगस्त को एक राष्ट्रीय स्मारक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत विभाजन के समय के लोग, प्रभावित लोगों की पीड़ा को प्रदर्शित करने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित प्रदर्शनी को शनिवार के दिन कॉलेज में छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों के सामने प्रदर्शित किया गया। एक भव्य प्रदर्शनी लगाकर उस में दिखाया गया कि कैसे विभाजन ने भयानक प्रभाव छोड़ा।
इस अवसर पर अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका प्रोफेसर शालू कांत के द्वारा एक संक्षिप्त व्याख्यान दिया गया जिसमें बपसी सिधवा और मैंटो जैसे कुछ प्रसिद्ध लेखकों को अच्छी तरह से चरितार्थ किया गया। उसमें बताया गया कि विभाजन की हिंसक प्रकृति ने भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता का माहौल बना दिया था जो आज तक उनके संबंधों को प्रभावित करता है। उन्होंने सामाजिक विभाजन असमंजस के जहर को दूर करने और सामाजिक सद्भाव और मानव सशक्तिकरण की भावना को मजबूत करने का आग्रह करते हुए व्याख्यान को समाप्त किया।
उप प्राचार्य फादर मुक्ति ने भाई चारे, प्रेम और शांति पर संदेश देकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। सभी छात्र-छात्राओं एवं अध्यापकों ने इस प्रदर्शनी मैं लगाए गए पोस्टर को भलीभांति समझा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना विभाग के तत्वाधान में आयोजित की गई थी। इस अवसर पर प्राचार्य फ्रांसिस, डॉक्टर पोंपी सेन गुप्ता, डॉक्टर संचिता घोष चौधरी, प्रोफेसर अमित चतुर्वेदी, प्रोफेसर शैलेश दुबे, प्रोफेसर सुष्मिता सेन, प्रोफ़ेसर निशिथ, राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी नवल नारायण चौधरी, डॉक्टर राधा महाली, डॉक्टर प्रमोद, डॉक्टर पार्था प्रिय दास के अलावा छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
पूरे कार्यक्रम का आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को विभाजन के समय की पीड़ा से अवगत कराना था। विभाजन का दीर्घकालिक पीढीगत प्रभाव और दशकों से प्रिय जनों से आघात और अलगाव कैसे होता है। विभाजन 75 साल पहले हुआ होगा लेकिन ब्रिटिश उपनिवेशवाद और उपमहाद्वीप के विभाजन का प्रभाव और विरासत वर्तमान समय में एक महत्वपूर्ण शक्ति बनी हुई है। कार्यक्रम का सभी छात्र छात्राओं के साथ साथ अध्यापकों ने भी आनंद लिया। पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में राष्ट्रीय सेवा योजना अधिकारी नवल नारायण चौधरी का अहम योगदान रहा। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
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