उदित वाणी, जमशेदपुर: साकची स्थित टैगोर एकेडमी ने जिन 84 विद्यार्थियों को वार्षिक परीक्षा में फेल होने के बाद स्कूल से निकाल दिया था, उन्हें जिला शिक्षा विभाग ने फिर से स्कूल में वापस लेने का निर्देश जारी कर दिया है.
बुधवार को इसको लेकर स्कूल प्रबंधन को जिला शिक्षा अधीक्षक निशु कुमारी ने अपने कार्यालय बुलाया और बैठक की. बैठक में स्कूल की प्रिंसिपल व स्कूल कमेटी को स्पष्ट निर्देश दिया गया कि सभी फेल विद्यार्थियों को स्कूल में ही पढ़ाना होगा. डीएसई ने स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिया कि फेल हुए 84 में से 53 विद्यार्थी, जो आठवीं के छात्र हैं, उन्हें उसी क्लास (आठवीं) में रिपीट (दोबारा पढ़ाया) जाए.
वहीं पांचवीं से सातवीं तक के 31 फेल विद्यार्थियों को आरटीई के तहर हर हाल में अगली कक्षा में प्रमोट करने का निर्देश स्कूल को डीएसई ने दिया.
कहा कि आरटीई अधिनियम के तहत पांचवीं से सातवीं तक के विद्यार्थियों को फेल नहीं किया जा सकता है, इसलिए टैगोर एकेड़मी स्कूल आरटीई के दायरे में रहकर स्कूल का संचालन करे. जिला शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद अब फेल हुए 84 विद्यार्थियों को बड़ी राहत प्राप्त हुई है.
बताते चलें कि टैगोर एकेडमी परिसर में मंगलवार को उस समय हंगामा हुआ था, जब 84 विद्यार्थियों को मंगलवार को अपना रिजल्ट लेने के लिए स्कूल बुलाया गया और फेल घोषित कर स्कूल से निकाल दिया गया। टीसी देने से विद्यार्थी परेशान हो गए और कैंपस में ही फूट-फूटकर रोने लगे.
बच्चों को स्कूल से निकालने की सूचना मिलने पर अभिभावक भी स्कूल में जुट गए. साथ ही छात्रनेता भी पहुंच गए. पुलिस के आने के बाद प्रिंसिपल कक्ष में वार्ता शुरू हुई. स्कूल से बच्चों को फिर से मौका देने की गुहार लगाई गई.
स्कूल प्रबंधन ने इससे साफ मना कर दिया. इस बीच बच्चों के फेल होने के लिए छात्र नेताओं ने स्कूल को भी जिम्मेदार ठहराया. इसको लेकर तू-तू, मैं-मैं शुरू हो गई. पुलिस को बीचबचाव करना पड़ा. इसके बाद वार्ता हुई। तब तय हुआ था कि 40 प्रतिशत सिलेबस पर दो माह बाद टेस्ट लिया जाएगा, जिसमें फेल हुए आठवीं के 53 विद्यार्थी बैठेंगे.
इनके अलावा बाकी 31 विद्यार्थियों को कोई मौका नहीं दिया जाएगा. अब डीएसई ने मामले में संज्ञान लेते हुए स्कूल प्रबंधन को आरटीई अधिनियम के दायरे में रहकर बच्चों को प्रमोट करने का निर्देश दिया है.
कहा है कि पांचवी से सातवीं तक के विद्यार्थियों को किसी भी सूरत में फेल नहीं किया जाएगा और न ही उन्हें स्कूल से निकाला जाएगा. स्कूल उन्हें रेमिडियल क्लास देकर उनका परिणाम ठीक कराए. साथ ही आठवीं के विद्यार्थियों को उसी कक्षा में रिपीट करने को कहा है.
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