उदित वाणी, जमशेदपुर: गालूडीह थाना क्षेत्र के डुमकाकोचा में 5 जनवरी को एक हाथी के बच्चे की स्थिति काफी गंभीर हो गई थी. ठंड के कारण हाथी का बच्चा बेहोश हो गया था, जिसे वन विभाग ने रेस्क्यू कर इलाज के लिए जमशेदपुर भेजा. हालांकि, इस घटना के बाद हाथियों का एक झुंड उग्र हो गया है और बाघुड़िया पंचायत के गांवों में पिछले दो दिनों से आतंक का माहौल बना हुआ है.
हाथियों का झुंड गांवों में उत्पात मचा रहा
सोमवार को 10 हाथियों का एक झुंड गोटा पाथर नाला के ऊपर जंगल में जमा हुआ था. डुमकाकोचा, मिर्गीटांड़, नरसिंहपुर और माचाबेड़ा जैसे गांवों के लोग इन हाथियों से बेहद डरकर रातभर जाग रहे हैं. यह हाथियों का झुंड लगातार अपने बच्चे को ढूंढ रहा है, जिससे ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है. हाथियों के आक्रमण के कारण फसलों को भी भारी नुकसान हो रहा है और दर्जनों बाइकें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं.
वन विभाग ने शुरू किया अभियान
हाथियों के आतंक को काबू करने के लिए वन विभाग द्वारा एक अभियान चलाया जा रहा है. घाटशिला के रेंजर विमान कुमार ने अपनी टीम के साथ डुमकाकोचा का दौरा किया और काफी मशक्कत के बाद हाथी के बच्चे को रेस्क्यू किया.
हाथी के बच्चे का इलाज और निगरानी
रविवार की सुबह डुमकाकोचा के पास ठंड लगने के कारण बेहोश हुआ हाथी का बच्चा इलाज के बाद अब स्वस्थ होने की ओर बढ़ रहा है. रेंजर विमान कुमार ने बताया कि हाथी के बच्चे का स्वास्थ्य सुधार रहा है और उसे पूरी तरह से स्वस्थ होने तक निगरानी में रखा जाएगा.
क्या हाथियों का आतंक जल्द खत्म होगा?
गांवों में हाथियों के बढ़ते आतंक को देखकर यह सवाल उठता है कि क्या वन विभाग इसे पूरी तरह से नियंत्रित कर पाएगा? ग्रामीणों की सुरक्षा और हाथियों की समस्याओं का समाधान कब होगा?
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