उदित वाणी, घाटशिला: कृषि विज्ञान केंद्र, दारीसाई में “फसल सुरक्षा कार्यक्रम” के अंतर्गत रबी मौसम के लिए कृषक-वैज्ञानिक अंतर्मिलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में किसानों को फसलों की सुरक्षा, प्रबंधन और कीट नियंत्रण के प्रभावी उपायों पर जानकारी दी गई.
कृषकों को दी गई महत्वपूर्ण जानकारी
वैज्ञानिकों ने रबी मौसम में उगाई जाने वाली फसलों और सब्जियों के बेहतर प्रबंधन के लिए विशेष तकनीकों की जानकारी दी. इसमें सिंचाई का प्रबंधन, कीट और व्याधियों की पहचान, उनके उपचार और कीटनाशकों के उपयोग के सही तरीके शामिल थे. कार्यक्रम के दौरान किसानों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी वैज्ञानिकों ने विस्तार से दिए.
उद्देश्य: उत्पादन और आय में वृद्धि
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए उनकी उत्पादकता बढ़ाना है. वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्नत प्रबंधन तकनीकों के जरिए किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं.
किसानों और विशेषज्ञों की भागीदारी
कार्यक्रम में घाटशिला अनुमंडल के सात प्रखंडों से कुल 58 प्रगतिशील महिला और पुरुष किसान शामिल हुए.
विशेषज्ञों और पदाधिकारियों में शामिल थे:
• डॉ. भूषण प्रसाद सिंह, प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र, दारीसाई.
• डॉ. शंभु कुमार, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केंद्र, दारीसाई.
• डॉ. लीली, वैज्ञानिक, क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, दारीसाई.
• उप परियोजना निदेशक, आत्मा.
इसके अलावा, जिला कृषि पदाधिकारी और अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे.
क्या बदल सकता है यह कार्यक्रम?
फसल सुरक्षा कार्यक्रम जैसे आयोजनों से किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी मिलती है. यह न केवल फसल उत्पादन को बढ़ावा देता है, बल्कि किसानों के लिए बेहतर आर्थिक संभावनाओं के द्वार भी खोलता है.
आगे की राह
वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने किसानों को यह भी सलाह दी कि वे आधुनिक तकनीकों को अपनाते हुए खेती को अधिक लाभदायक बनाएं. साथ ही, स्थानीय किसानों को जागरूक करने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए ऐसे कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित करने की योजना बनाई गई.
उदित वाणी टेलीग्राम पर भी उपलब्ध है। यहां क्लिक करके आप सब्सक्राइब कर सकते हैं।