नई दिल्ली: देशभर में सस्ती और सुलभ CNG (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) और PNG (पाइप्ड नेचुरल गैस) मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने घरेलू प्राकृतिक गैस आवंटन ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. ये कदम सरकार की स्वच्छ ऊर्जा, बेहतर वायु गुणवत्ता और घरेलू ऊर्जा सुरक्षा के लक्ष्य से जुड़े हैं. पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि नई नीति का उद्देश्य वाहनों में प्रयुक्त CNG और घरों में खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाली PNG की सुलभता और किफायत को सुनिश्चित करना है.
पहली तिमाही में दो-तिमाही अग्रिम आवंटन की व्यवस्था
वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के दौरान CNG (टी) और PNG (डी) क्षेत्र के लिए घरेलू प्राकृतिक गैस का आवंटन दो तिमाही अग्रिम आधार पर किया जाएगा.इसमें अब ओएनजीसी (ONGC) और ओआईएल (OIL) के नए कुओं से प्राप्त न्यू वेल गैस (NWG) को भी शामिल किया गया है. इससे सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) कंपनियों को पूर्वानुमान के साथ गैस उपलब्धता की जानकारी मिल सकेगी और योजना निर्माण और वितरण प्रणाली अधिक कुशल हो सकेगी.
नीलामी नहीं, अब अनुपात के आधार पर मिलेगा आवंटन
मंत्रालय ने बताया है कि अब तक NWG के लिए जो नीलामी आधारित प्रणाली थी, उसे बदलकर तिमाही प्रो-राटा आवंटन प्रणाली लागू की गई है.गेल (GAIL), मंत्रालय के मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार, CGD कंपनियों को उनकी मांग के अनुपात में गैस आवंटित करेगा. इससे समय पर और भरोसेमंद आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी.
घरेलू उपभोक्ताओं को राहत, कीमतों में गिरावट का भी होगा फायदा
सरकार के अनुसार, यह नया आवंटन तंत्र सार्वजनिक क्षेत्रों जैसे परिवहन और घरेलू रसोई गैस को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.एपीएम गैस और न्यू वेल गैस की कीमतें भारतीय क्रूड बास्केट से जुड़ी होती हैं, जिनकी गणना हर महीने होती है. हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से यह नई प्रणाली उपभोक्ताओं के लिए गैस को और अधिक किफायती बना देगी.
कंपनियों के लिए आपूर्ति प्रबंधन होगा आसान
मंत्रालय का मानना है कि इन रणनीतिक उपायों से CGD कंपनियों को मांग का पूर्वानुमान लगाने में आसानी होगी. इससे आपूर्ति की दक्षता में बढ़ोतरी होगी और आम जनता को लाभ मिलेगा.
(IANS)
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