रांची: झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) 14 और 15 अप्रैल को रांची के खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत स्टेडियम में 13वां महाधिवेशन आयोजित करने जा रही है. इस महाधिवेशन में कई अहम राजनीतिक फैसलों की तैयारी की जा रही है.
संविधान में संशोधन
पार्टी के संविधान संशोधन के लिए गठित उपसमिति ने कई दौर की बैठकों के बाद बदलाव से संबंधित ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. यह संभावना भी जताई जा रही है कि महाधिवेशन में कल्पना सोरेन को पार्टी में महत्वपूर्ण पद पर लाने का निर्णय लिया जाएगा. इस महाधिवेशन की तैयारियों के आधार पर इसे पार्टी के 50 वर्षों से भी अधिक के इतिहास में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण संगठनात्मक जलसा माना जा रहा है.
पिछले महाधिवेशन की यादें
पार्टी का 12वां महाधिवेशन 18 दिसंबर 2021 को रांची में आयोजित किया गया था, जिसमें शिबू सोरेन को लगातार 10वीं बार पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था. पिछले महाधिवेशन के समय कोविड संक्रमण के कारण कोई बड़ा संगठनात्मक निर्णय नहीं लिया जा सका था. इस बार महाधिवेशन में झारखंड के अलावा ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल और कुछ अन्य राज्यों के लगभग चार हजार प्रतिनिधि शिरकत करेंगे.
नई रणनीतियों का निर्धारण
राज्य के इतिहास में यह पहली बार हो रहा है जब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बड़े बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी की है. इससे पार्टी के संगठन में उत्साह का संचार हुआ है. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व नए सिरे से राजनीतिक लक्ष्य निर्धारित करने की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए तैयार है. महाधिवेशन में झारखंड के बाहर अन्य राज्यों में संगठन का विस्तार करने की रणनीति भी तय की जाएगी.
बिहार और बंगाल पर ध्यान
बिहार और बंगाल के आगामी विधानसभा चुनावों पर भी पार्टी की नजर है. खासकर इन दोनों राज्यों की सीमाओं से सटे जिलों की सीटों को चिन्हित कर अपने उम्मीदवार उतारने पर महाधिवेशन में ठोस निर्णय लिया जा सकता है.
शिबू सोरेन का योगदान
हालांकि पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष शिबू सोरेन स्वास्थ्य कारणों से राजनीतिक सक्रियता में नहीं हैं, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि उन्हें सर्वसम्मति से 11वीं बार अध्यक्ष चुना जाएगा. शिबू सोरेन का नाम आज भी पार्टी के लिए सबसे बड़ा संबल है.
महाधिवेशन की तैयारी
हेमंत सोरेन पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और उन्हें या तो इस पद पर चुना जाएगा या यह दायित्व कल्पना सोरेन को दिया जा सकता है. महाधिवेशन में पार्टी के जिला और प्रखंड अध्यक्षों को अधिक राजनीतिक शक्तियाँ देने, महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए हाई पावर कमेटी बनाने जैसे निर्णय भी लिए जा सकते हैं.
राजनीतिक प्रस्तावों पर चर्चा
वक्फ कानून का विरोध और केंद्र के पास झारखंड का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये की राशि के लिए आंदोलन जैसे राजनीतिक प्रस्ताव भी महाधिवेशन में लाने की तैयारी है. पार्टी के केंद्रीय महासचिव और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य का कहना है कि यह महाधिवेशन कई मायनों में ऐतिहासिक साबित होगा.
संचालन समिति की बैठक
महाधिवेशन की तैयारियों को लेकर गुरुवार को पार्टी के केंद्रीय कैंप कार्यालय में आयोजन सह स्वागत समिति की बैठक संपन्न हुई. इस बैठक में सुप्रियो भट्टाचार्य, मंत्री चमरा लिंडा, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, अभिषेक प्रसाद, नंदकिशोर मेहता, मनोज कुमार पांडेय सहित अन्य नेता उपस्थित रहे.
(आईएएनएस)
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